प्रयागराजः हाईकोर्ट (High Court) के अधिवक्ता मुक़दमों की सुनवाई से जुड़ी समस्याओं का निराकरण न होने के कारण गुरुवार को भी न्यायिक कार्य नहीं करेंगे. वहीं, बुधवार को वकीलों के न्यायिक कार्य से विरत रहने के कारण इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुक़दमों की सुनवाई प्रभावित रही. हज़ारों मुक़दमों में डेट लगानी पड़ी. वकीलों ने हाईकोर्ट के बाहर एकत्रित होकर सभा कर समस्याओं के निदान की मांग की. वकीलों के अदालतों में न जाने के कारण न्यायाधीश भी कुछ देर बाद उठकर चैंबरों में चले गए. मुकदमों की सुनवाई न होने से प्रदेश के दूरदराज जिलों से आए वादकारियों को निराश होकर लौटना पड़ा.
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी ने बुधवार की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुक्रम में शाम को अध्यक्ष आरके ओझा की अध्यक्षता में फिर बैठककर न्यायिक कार्य से विरत रहने का आंदोलन गुरुवार को भी जारी रखने का निर्णय लिया. संयुक्त सचिव प्रेस आशुतोष त्रिपाठी के अनुसार नवीन पदाधिकारी कक्ष में हुई बैठक में पुनः सभी समस्याओं पर विस्तारपूर्वक विचार-विमर्श हुआ.
बैठक में आरके ओझा ने कहा कि उच्च न्यायालय के सुचारूपूर्ण तरीके से कार्य करने के लिए बनाए गए हाईकोर्ट रूल्स में बिना कोई संशोधन किए ही मुक़दमों की. लिस्टिंग एनआईसी को दिया जाना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट रूल्स में किसी भी प्रकार का संशोधन हाईकोर्ट की वृहदपीठ द्वारा ही किया जा सकता है. ऐसा न करके वादकारी हितों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. हाईकोर्ट प्रशासन को वादकारी हित ध्यान में रखते हुए न्यायालय को सुचारूपूर्ण तरीके से चलाने की जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए. बैठक का संचालन करते हुए महासचिव सत्यधीर सिंह जादौन ने एसोसिएशन के निर्णय के अनुपालन में न्यायिक कार्य से विरत रहने में सहयोग के लिए सभी अधिवक्ताओं का आभार जताया.