प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट का मानवीय चेहरा फिर से उजागर हुआ है. कानूनी अनुमति न होने के बावजूद कोर्ट ने अपनी अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग कर प्रतियोगी महिला का अलग से टेस्ट लेने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने जेल वार्डन भर्ती 2018 में गर्भवती होने के कारण शारीरिक दक्षता परीक्षा देने में असमर्थ महिला अभ्यर्थी को 16 मई से 20 मई के बीच तिथि तय कर टेस्ट लेने का निर्देश दिया है.
कोर्ट ने कहा है कि गर्भ ठहरने के बाद स्थिति याची के नियंत्रण में नहीं थी. 23 मार्च 2021 को उसे सात माह का गर्भ था. दो जून को बच्चे का जन्म हुआ और उसके आठ माह के भीतर उसने शारीरिक दक्षता परीक्षा में बैठने देने की मांग की. सुनवाई न होने पर हाईकोर्ट की शरण ली. कोर्ट ने कहा कि पूर्व सूचित कर टेस्ट लिया जाय और मेरिट घोषित की जाय. कट ऑफ मेरिट से अधिक अंक प्राप्त हो तो जेल वार्डन पद पर नियुक्ति दी जाए.