प्रयागराजः भारत के विभिन्न राज्यों में मकर संक्रांति को लेकर अलग-अलग मान्यताएं जुड़ीं हुईं हैं. मकर संक्रांति का पर्व केवल दान-पुण्य के लिए नहीं जाना जाता बल्कि इस दिन पतंग उड़ाने की परंपरा भी चली आ रही है. बच्चे हों या युवा हर कोई पतंग उड़ाने के लिए इस दिन बेसब्री से इंतजार करते हैं. सुबह से ही आसमान में हर तरह की रंग-बिरंगी पतंगें छा जाती हैं. खास बात यह है की पतंग उड़ाने की ये परंपरा त्रेता युग से चली आ रही है.
इस दिन दान-पुण्य करने की विशेष परंपरा है. मान्यता है कि मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाने का विशेष महत्व होता है. मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य के अलावा पतंग उड़ाने का भी चलन है.
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