प्रयागराज:अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के संदिग्ध सुसाइड मामले की जांच सीबीआई कर रही है और सुसाइड वाले कमरे से सीबीआई को एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसकी जांच की जा रही है. इसके साथ ही सीबीआई यह भी जांच कर रही है कि कहीं हत्या को सुसाइड का रूप तो नहीं दिया गया है. इन सबके अलावा सीबीआई सुसाइड नोट में सुसाइड के जिम्मेदार बताए गए तीनों आरोपितों की सत्यता भी जांच रही है. लेकिन बीस दिन की जांच पड़ताल के बाद भी सीबीआई किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सकी है. जबकि सीबीआई की जांच का दायरा प्रयागराज से लेकर हरिद्वार तक फैला हुआ है. मठ मंदिर से लेकर राजनेताओं और कुछ अफसरों से भी सीबीआई पूछताछ कर चुकी है.
महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले की जांच सरकार ने सीबीआई को सौंप दी थी, जिसके बाद सीबीआई ने केस दर्ज कर मामले की पड़ताल शुरू कर दी है. 25 सितंबर को सीबीआई की टीम पहली बार मठ बाघम्बरी गद्दी में जांच पड़ताल को पहुंची थी, जिसके बाद से ही लगातार सीबीआई की टीम मठ के साथ ही लेटे हनुमान मंदिर में भी जांच पड़ताल व जानकारी हासिल करने जा चुकी है.
इसके अलावे सीबीआई ने तीनों आरोपितों को सात दिन की कस्टडी रिमांड में लेकर उनसे भी पूछताछ की और मुख्य आरोपित आनंद गिरि को लेकर सीबीआई की टीम हरिद्वार तक भी गई थी. लेकिन सीबीआई की जांच का अभी तक कोई परिणाम सामने नहीं आया है.
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CBI को क्यों नहीं मिल रहा कोई सुराग
महंत नरेंद्र गिरि के कमरे से मिले सुसाइड नोट के मुताबिक हरिद्वार से उन्हें जानकारी मिली थी कि आनंद गिरि किसी महिला या लड़की के साथ उनका फोटो वीडियो कम्प्यूटर से बनाकर वॉयरल करने वाला है. इस बात की जानकारी मिलने के बाद बदनामी के डर से वो परेशान हो गए थे. उसी बदनामी से बचने को महंत नरेंद्र गिरि ने 20 सितंबर को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली.
लेकिन महंत के सुसाइड नोट में जिस वीडियो फोटो को एडिट करके बनाए जाने की बात कही गई थी. उस तरह की फोटो वीडियो आनंद गिरि के पास से सीबीआई को नहीं मिली है, जबकि वीडियो फोटो तलाशने के लिए सीबीआई की टीम आनंद गिरि को लेकर हरिद्वार तक गई थी, जहां पर आनंद गिरी के आश्रम की तलाशी व पूरी पड़ताल के बाद भी सीबीआई को कोई ठोस सुबूत नहीं मिला.