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बाहरी वकील से दाखिल ग्राम प्रधान की याचिका पोषणीय नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट - Chief Justice Govind Mathur

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि ग्राम सभा के प्रस्ताव पर एसडीएम के अनुमोदन के बगैर ग्राम प्रधान को राज्य सरकार से घोषित पैनल अधिवक्ताओं से इतर अधिवक्ता से याचिका दाखिल करने का अधिकार नहीं है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Oct 14, 2020, 12:04 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि ग्राम सभा के प्रस्ताव पर एसडीएम के अनुमोदन के बगैर ग्राम प्रधान को राज्य सरकार से घोषित पैनल अधिवक्ताओं से इतर अधिवक्ता से याचिका दाखिल करने का अधिकार नहीं है. प्राइवेट अधिवक्ता के मार्फत दाखिल ग्राम सभा की याचिका पोषणीय नहीं है. कोर्ट ने पैनल से बाहर के अधिवक्ता से दाखिल की गई ग्राम प्रधान की याचिका खारिज कर दी है.

यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने सूर्यनाथ यादव की याचिका पर दिया है. विपक्षी की तरफ से याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति की गयी थी. ग्राम सभा बनगांव आजमगढ़ के ग्राम प्रधान ने दो याचिकाएं दाखिल की थी. कोर्ट ने पैनल से बाहर के अधिवक्ता से दाखिल कराने के कारण सुनने से इंकार करते हुए खारिज कर दी है.

वहीं इस मामले में विपक्षी अधिवक्ता का कहना था कि ग्राम प्रधान द्वारा प्राइवेट वकील से याचिका दाखिल कराना राजस्व संहिता 2006 की धारा 73 का उल्लंघन है. केवल सरकार द्वारा जारी अधिवक्ता पैनल के अधिवक्ता से ही याचिका दाखिल करायी जा सकती है.

कोरोना के चलते 23 अक्तूबर को हाईकोर्ट बंद
कोरोना वायरस प्रकोप को देखते हुए मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रधान पीठ व लखनऊ पीठ को 23 अक्तूबर को बंद रखने का आदेश दिया है. इस दिन न्यायालय परिसर का सैनिटाइजेशन किया जायेगा.

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