प्रयागराज:संगम तट पर मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक होगी. संतों के इस सम्मेलन में भारत में संस्कृत के प्रचार-प्रसार का मुद्दा उठाया जाएगा. स्वामी यतीन्द्रानन्द ने कहा कि इस बैठक में यह भी जिक्र किया जाएगा कि जहां-जहां भी राजकीय संदेश लिखे जाते हैं वहां पर हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू के साथ संस्कृत भाषा में भी राजकीय संदेश लिखे जाएं.
प्रयागराज: संत सम्मेलन में उठेगा संस्कृत के प्रचार-प्रसार का मुद्दा
यूपी के प्रयागराजम में संगम तट पर विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक चल रही है. आज मंगलवार को यहां संतों का सम्मेलन होगा, जिसमें संत संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार का मुद्दा उठाएंगे.
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प्रकृति के साथ पैदा हुई संस्कृत
स्वामी यतीन्द्रानन्द सरस्वती ने कहा कि संस्कृत प्रकृति के साथ पैदा हुई है और यह समस्त भाषाओं की जननी है. आज आधुनिक युग में इस भाषा के महत्व को कंप्यूटर समझ रहा है और विदेशों के कई विश्वविद्यालय में संस्कृत भाषा पढ़ाने को लेकर जोर दिया जा रहा है. यह बहुत दुर्भाग्य है कि भारत में इसको लेकर कोई विशेष कार्य नहीं हो रहा है.
स्वामी जी ने कहा कि आज आयोजित होने वाले संत सम्मेलन में संतों से संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार और राज्य सरकारों से इसे अच्छी तरह से लागू कराने के लिए बल दिया जाएगा.