प्रयागराजःउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित पीसीएस जे 2022 का अंतिम चयन परिणाम 30 अगस्त को घोषित किया गया था. इस परीक्षा परिणाम ने प्रयागराज के नवाबगंज इलाके में रहने वाले फहद अहमद की जिंदगी बदल दी. पंचर बनाने वाले पिता ने बेटे की पढ़ाई को पूरा करवाने के लिए कर्ज तक लिया था. लेकिन पीसीएस जे के रिजल्ट में बेटे के जज बनने की जानकारी मिलते ही उनके पिता की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े. बेटे को पढ़ाने के लिए जहां पिता पंचर बनाते थे. वहीं, मां लोगों के कपड़े सिलकर घर का खर्चा पूरा करती थी. इसके अलावा फहद खुद पढ़ाई से बचे हुए समय में माता-पिता के काम मे हाथ बंटाते थे.
मेहनत और लगन से बने जज
संगम नगरी प्रयागराज के अहद अहमद ने साबित कर दिया है कि कड़ी मेहनत और लगन से कुछ भी करने की ठान लें तो वो काम हर कीमत पर पूरा होता है. ऐसे ही मेहनत का नतीजा है कि प्रयागराज के नवाबगंज इलाके के छोटे से गांव बरई हरक के रहने वाले अहद अहमद का था. जहां उनके पिता छोटी सी परचून की दुकान के साथ ही साइकिल का पंचर बनाने के काम करते थे. उसके साथ ही अहद की मां दूसरों के कपड़े सिलकर परिवार चलाने में मदद करती थी.
पहले प्रयास में बने पीसीएस जेपिता शहजाद और माता अफसाना की कड़ी मेहनत को देखते हुए उनके चारों बच्चे मेहनत और लगन से पढ़ते थे. जिसका नतीजा है कि सभी बच्चे पढ़ लिखकर काबिल बन गए. शहजाद और अफसाना के तीसरे नंबर की संतान अहद ने बीए एलएलबी करके वकालत करने की सोची थी. लेकिन कोरोना काल मे हुई बंदी के बाद अहद ने पीसीएस जे की तैयारी शुरू कर दी. लेकिन घर की आर्थिक हालात ऐसी नहीं थी कि वो कोचिंग कर सकते थे. जिसके बाद अहद ने घर में रहकर खुद से ही कड़ी मेहनत करके पढ़ाई की और पहली बार में पीसीएस जे जैसी बड़ी परीक्षा में सफलता हासिल कर ली. बेटे के जज बनने की खबर मिलते ही अहद के घर में जश्न मनाया जाने लगा. पिता शहजाद और मां अफसाना की आंखों से बेटे की कामयाबी पर खुशी के आंसू बह रहे थे.