प्रयागराज: प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत लगभग 27000 से अधिक अनुदेशकों का मानदेय 17000 रुपये प्रतिमाह देने के एकल जज के निर्णय के खिलाफ प्रदेश सरकार की अपीलों पर शुक्रवार को भी सुनवाई पूरी नहीं हो सकी. यह स्पष्ट नहीं हो सका कि केंद्र सरकार ने अनुदेशकों को दिए जाने वाले मानदेय के मद में राज्य सरकार को कितना बजट दिया है. इसके लिए समय मांगा गया. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जेजे मुनीर की खंडपीठ कर रही है.
सरकार का कहना है की अनुदेशकों की नियुक्ति संविदा के आधार पर की गई है और ऐसे में दी गई शर्तें और मानदेय उन पर लागू होगा. राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को अपने अंश का पैसा नहीं दिया है. सरकार अपने स्तर से अनुदेशकों का पेमेंट कर रही है.