प्रयागराज : संगम नगरी प्रयागराज में इन दिनों एक ऐसी शादी सामने आई है जिसकी चर्चा सभी ओर हो रही है. आमतौर पर शादी में घर-परिवार के लोग, बैंड-बाजे के साथ शामिल होते हैं. लेकिन इस अनूठी शादी में ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला. समाज में फैली कुरीतियों और शादी में होने वाली फिजूलखर्ची को रोकने के उद्देश्य से इन जोड़ों ने बिना किसी बाजे-गाजे के बहुत ही सरल तरीके से शादी की है.
प्रयागराज में आजकल दो युवा जोड़ों की शादी चर्चा का विषय बनी हुई है. सोशल मीडिया से लेकर जगह-जगह लोग इसकी सराहना कर रहे हैं, तो कहीं लोग इसमें आने वाले समय में बदलाव की झलक देख रहे हैं. इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर चुके अमित और लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्रा रही शिवा ने जहां आपस में शादी की, तो वहीं एमएनएनआईटी के छात्र अविनाश और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कॉमर्स में पीजी करने वाली अंजलि ने शादी रचाई. इस शादी में किसी भी तरीके के रीति-रिवाज, धार्मिक कार्यक्रम आदि नहीं किए गए. शहर के बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में इन दोनों जोड़ों ने एक दूसरे को जीवनसाथी चुनते हुए शपथ ली.
शपथ लेकर अनूठी शादी करने का वाले जोड़े अमित और शिवा इस शादी को लेकर युवाओं में एक संदेश देना चाहते है. उनका कहना है की इस तरह के रिश्ते और शादी को समाज में सामाजिक स्वीकार्यता नहीं मिलती. और जो लोग एक साथ रहना चाहते हैं जीवन बिताना चाहते हैं शादी करना चाहते हैं उसके लिए समाज में इस तरह की दीवारों को तोड़कर एक साथ रहना चाहिए. समाज में इस तरह का एक उदाहरण पेश करना चाहिए. उन्होंने कहा शादी के 2 हफ्ते बाद वो लोग मीडिया के माध्यम से युवाओं को संदेश देना चाहते हैं. अपने व्यक्तिगत जीवन में इस तरह के साहसी फैसला लें. दुल्हन शिवा ने कहा कि अमित को जीवनसाथी के रूप में पाकर वो खुश है. शपथ लेकर ऐसी शादी को समाज में बढ़ावा मिले. समाज के बुद्धिजीवी लोगों को इसीलिए बुलाया गया कि समाज में एक अच्छा संदेश जाए.
'समाज की तमाम बुरी कुरितियों को हटाना चाहते है'
बता दें, कि शादी करने वाले दोनों जोड़े प्रयागराज में ही रहकर प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी करते आ रहे हैं. वहीं चारों छात्र संगठन के सक्रिय सदस्य भी हैं. छात्रों को समाज की तमाम बुरी कुरितियों को लेकर जागरुक करते आ रहे है. वहीं चारों लोगों ने इस कदम को यहां से प्रेरणा लेकर ही उठाया है. साथ ही अन्य लोगों को भी शादी कर संदेश देने का प्रयास किया है.
दुल्हन अंजलि कहती हैं कि लोकतांत्रिक देश में स्त्री का भी अधिकार होता है. वो किसके साथ जीना चाहती है. अपना जीवनसाथी चुनने का उसको खुद अधिकार होता है. इसीलिए उन लोगों ने एक शपथ लेकर शादी करके समाज में एक नई प्रेरणा दी और यह रिश्ता विश्वास और प्रेम का होता है.
'शादी करने के लिए पैसों को व्यर्थ नहीं करना चाहिए'
दूल्हा अविनाश ने कहा कि इस शादी को करके उन लोगों को यह संदेश दिया, कि समाज ऐसा हो जहां ऊंच-नीच ना हो. समाज के रीति-रिवाज को नकारते हुए सिर्फ प्रेम को आधार मानकर शपथ लेकर शादी की और जीवन भर सात निभाने का वादा किया. अविनाश ने बताया कि आज कल शादी करने के लिए तमाम पैसों को व्यर्थ करना सही बात नहीं, इसलिए उन्होंने बिना किसी पैसे को खर्च किए ही शादी रचाने का फैसला लिया.
दरअसल, शहर में दो जोड़ों की अनूठी शादी हुई. बिना बारात और बैंड-बाजे के साथ कुछ बुद्धिजीवी लोगों के साथ घराती-बराती शादी में शामिल हुए. छात्र संगठन के सदस्य अमित-शिवा और अविनाश-अंजलि की यह शादी प्रयाग स्टेशन स्थित चैथम लाइन इलाके के साधारण से मकान में 7 फरवरी को आयोजित हुई. शादी के बाद ही शहर में चर्चा होने लगी. शपथ लेकर हुई इस अनूठी शादी में दो मिनट में दो जोड़े एक दूसरे के साथ दंपति सूत्र में बंध गए.