प्रयागराज: घरों में चहचहाट से सन्नाटा तोड़ने वाली नन्हीं गौरैया बचपन में आंगन और मुंडेर पर चहकते हुए आम देखी जाती थी. आधुनिक जीवन शैली और पर्यावरण प्रदूषण की वजह से घर आंगन को अपनी आवाज से गुलजार कर देने वाली गौरैया अब शहरी बस्तियों के लिए अतीत का हिस्सा बन गई है. घरों में चहकती गौरैया प्रजाति की चिड़िया को बचाने के लिए प्रर्यावरण और पक्षी प्रेमियों द्वारा अनूठा कदम बढ़ाया जा रहा है. ऐसे में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एनबी सिंह भी गौरैया को वापस शहरी बस्तियों की तरफ लाने के कोशिश में लगे हैं.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सीनियर प्रोफेसर एनबी सिंह ने इलाहाबाद शहर की कंक्रीट हो चुकी जमीन को अपने वेतन के पैसों से ग्रीन बेल्ट के रूप में स्थापित किया था, जिसके बाद से वह हरियाली गुरु के नाम से शुमार हो गए. लेकिन एक दिन अपने आसपास चिड़ियों की लुप्त होती चहचहाट ने उन्हें इतना झकझोरा की उन्होंने इंसानी बस्तियों को सबसे अधिक आशियाना बनाकर हमारे बचपन का एक हिस्सा बन गई गौरैया को फिर से शहरी बस्तियों में गुलजार करने का संकल्प लेकर मिशन स्पैरो अभियान की शुरू आत कर डाली.
यह भी पढ़ें-चित्रकूट: ट्यूबवेल की रखवाली कर रहे बुजुर्ग की धारदार हथियार से हत्या
वेतन का कुछ हिस्सा गौरैया की वापसी में
यूनिवर्सिटी में अपनी क्लास लेने से बचे वक्त में प्रोफेसर सुबह और शाम गौरैया की शहरी बस्तियों में वापसी के अभियान में जुटे रहते हैं. इतना ही नहीं वह अपने वेतन का कुछ हिस्सा इन गौरैयों की वापसी में लगा रहे हैं. बकायदा गौरैया के लिए घोंसले भी बनाये हैं, जिसे वह बस्ती-बस्ती और इलाहाबाद विश्वविद्यालय जाकर छात्र-छात्राओं और लोगों को निशुल्क वितरित कर रहे हैं. मकसद मात्र इतना है कि इससे गौरिया की प्रजाति को किसी तरह बचाया जा सके प्रोफेसर के गौरैया बचाने के इस मिशन को स्थानीय लोगों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है.
गौरैया के अस्तित्व पर खतरा
वातावरण में तेजी से बढ़ रहे प्रदूषण और शहरीकरण से गौरैया के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. पर्यावरण और प्रकृति का संतुलन बनाए रखने में गौरैया अहम भूमिका अदा करती है. गौरैया एक ऐसा पक्षी है जो आबादी वाले क्षेत्रों में पेड़ों पर खुद घोंसला तैयार कर प्रजनन करती है. लेकिन वर्तमान समय में तेजी से हो रहे शहरीकरण में पेड़ों की कटाई हो रही है. इससे गौरैया खुद घोंसला नहीं तैयार कर पाती और उनकी संख्या दिन पर दिन कम होती जा रही है.