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धार्मिक ग्रंथ गीता और कुरान को पढ़ने के लिए करना पड़ता है लेंस का प्रयोग

प्रयागराज में गीता और कुरान की दुनिया की सबसे छोटी प्रति हैं. दो सेमी की गीता और कुरान को पढ़ने के लिए लेंस का प्रयोग करना पड़ता है. यह धार्मिक ग्रंथ प्रयागराज के दारागंज मोहल्ले के रहने वाले राजेंद्र तिवारी ने सालों से सहेज कर रखी हैं.

प्रयागराज में 2 सेमी की गीता और कुरान
प्रयागराज में 2 सेमी की गीता और कुरान

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Published : Jan 18, 2021, 11:18 AM IST

प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज हमेशा से सांप्रदायिक सौहार्द और एकता की मिसाल पेश करती रही है. उसी की एक पहचान प्रयागराज के दारागंज मोहल्ले के रहने वाले राजेंद्र तिवारी हैं, जिन्होंने सालों से हिंदुओं के प्रमुख धार्मिक ग्रंथ भगवद्गीता और इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र ग्रंथ कुरान की नायाब प्रति को सहेज रखा है.

दुनिया की सबसे छोटी धार्मिक ग्रंथ गीता और कुरान

दारागंज इलाके में रहने वाले राजेंद्र तिवारी को लोग मूंछ नर्तक दुकान जी के नाम से भी जानते हैं. दुनिया की सबसे छोटी गीता और कुरान रखने के कारण इनका नाम गिनीज रिकोर्ड में भी दर्ज है.

भाईचारे की मिसाल

गंगा जमुना तहजीब के प्रतीक प्रयागराज में जहां एक ओर हिन्दुओं कि पवित्र ग्रंथ गीता की पूजा पाठ की जाती है तो वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम समुदाय की सबसे पवित्र ग्रंथ कुरान शरीफ की बड़े अदब के साथ इबादत की जाती है. दोनों धार्मिक पवित्र ग्रंथों को संजो कर रखने वाले राजेंद्र तिवारी ने भाईचारे का संदेश समाज को दिया है.

दुनिया की सबसे छोटी धार्मिक ग्रंथ गीता और कुरान

राजेंद्र तिवारी का कहना है कि यह दुनिया की सबसे छोटी क़ुरआन और गीता है, जो 2 सेमी की हैं. साथ ही इन पवित्र धार्मिक ग्रंथों को पढ़ाने के लिए लेंस का प्रयोग किया जाता है. इसे उन्होंने पूरे जतन और आस्था के साथ संभाल कर रखा हुआ है.

इस दौरान उन्होंने युवा वर्ग के लोगों को संदेश देते हुए कहा कि हमारी संस्कृति, सभ्यता, संस्कार, हैं उसे लोगों भूलते जा रहे हैं. उस संस्कार को बरकरार रखने के लिए मैंने इस चीजों को संजोग के रखा है. चाहे वो गीता, रामायण, वेद पुराण हो या कुरआन हो इन सभी चीजों को जान सके कि ये हमारी भारतीय संस्कृति की पहचान है.

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