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HC: नई नीति के तहत खेल प्रशिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 21 सितंबर 2020 की नई खेल नीति के तहत आगे बढ़ने का निर्देश दिया है.

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The way is clear for the appointment of sports coaches under the new policy

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Published : Dec 22, 2022, 8:11 PM IST

प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट (high court in praygraj) ने राज्य सरकार को 21 सितंबर 2020 की नई खेल नीति (new sports policy) के तहत आगे बढ़ने का निर्देश दिया है लेकिन यह भी कहा कि याचिका के लंबित रहने के दौरान याचियों की सभी लाभों के साथ अंशकालिक खेल प्रशिक्षकों के रूप सेवा जारी रखी जाएगी. साथ ही नए सेवा प्रदाताओं की नियुक्ति के संबंध में कोई भी आदेश इस न्यायालय के अंतिम आदेशों के अधीन होगा.

यह आदेश न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने विकास यादव व अन्य की याचिका पर दिया है. याचिका में खेल प्रशिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में राज्य सरकार की 21 सितंबर 2020 की नई खेल नीति चुनौती दी गई है. कहा गया है कि राज्य सरकार की नई नीति के अनुसार जीईएम पोर्टल पर पंजीकृत खेल प्रशिक्षकों को शामिल करने का निर्णय लिया गया है. इससे वर्तमान में अनुबंध के आधार पर प्रशिक्षक के रूप में काम कर रहे याची प्रभावित होंगे. नई नीति के लागू होने पर उनकी सेवाओं को समाप्त कर दिया जाएगा जबकि वास्तव में उनके पास प्रशिक्षक के रूप में सेवा जारी रखने के लिए अपेक्षित अनुभव है. राज्य सरकार की नीति को 2021 में भी चुनौती दी गई थी. कोर्ट ने 25 अक्टूबर 2021 के आदेश से याचिका को खारिज कर दिया था. इस याचिका में हाईकोर्ट के एक जुलाई 2021 के अंतरिम आदेश, जिसमें यह प्रावधान किया गया था कि याचियों को लिस्टिंग की अगली सुनवाई तक अंशकालिक खेल प्रशिक्षकों के रूप में जारी रखने की अनुमति दी जाएगी.

सरकारी वकील का कहना था कि एक बार जब इस न्यायालय ने नई नीति पर विचार कर लिया था और उसे बरकरार रखा था, तो इस न्यायालय के लिए एक विपरीत निर्णय पारित करना संभव नहीं है. अधिक से अधिक यह न्यायालय इस मामले को बड़ी बेंच को संदर्भित कर सकता है. सरकारी वकील ने कहा कि नीति 2020 से बनी है लेकिन कोर्ट के अंतरिम आदेश के कारण राज्य सरकार नीति को लागू करने में सक्षम नहीं थी. याचिका में अंतरिम आदेश को संशोधित करने का आग्रह किया गया, ताकि सरकार नई नीति को लागू करने में सक्षम हो सके.

याची के अधिवक्ता ने इस पर कोई विवाद नहीं किया मगर उनका कहना था कि इस दौरान याची गण का अधिकार सुरक्षित रखा जाना चाहिए इस पर कोर्ट ने सरकार को नई नीति के तहत नियुक्तियां करने की छूट देते हुए कहा है कि अंशकालिक शिक्षकों की सेवाएं दौरान जारी रखी जाएंगी तथा नई नीति के तहत की गई कोई भी नियुक्ति याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगी.

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