उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

करदाता देश के लिए अहम, इन्हें परेशान करने से अर्थव्यवस्था और रोजगार होंगे प्रभावित: कोर्ट

By

Published : May 26, 2022, 10:54 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आयकर विभाग की कर निर्धारण में मनमानी और नैसर्गिक न्याय के उल्लंघन करने वाले अधिकारियों पर प्रशासनिक कार्रवाई 23 अप्रैल को जारी सर्कुलर का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है.

etv bharat
इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आयकर विभाग की कर निर्धारण में मनमानी और नैसर्गिक न्याय के उल्लंघन करने वाले अधिकारियों पर 23 अप्रैल को जारी सर्कुलर का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है. तरूण बजाज सचिव राजस्व भारत सरकार ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि स्थानीय समिति द्वारा दोषी ठहराए जाने पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए गए हैं. यह आदेश सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस ने 23 अप्रैल को जारी किया है.

हरिश्चंद्र भाटी की याचिका को निस्तारित करते हुए न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने कहा कि कर दाता देश की अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण स्तंभ है. इन्हें बेवजह परेशान करने से देश की अर्थव्यवस्था के साथ रोजगार भी प्रभावित होता है. कोर्ट ने याची को आदेश के खिलाफ वैधानिक अपील या पुनरीक्षण अर्जी दाखिल करने की छूट दी है. भारत सरकार की तरफ से एएसजीआई शशि प्रकाश सिंह और अर्विंद गोस्वामी और आयकर विभाग की तरफ से गौरव महाजन ने पक्ष रखा.

यह भी पढ़ें- अयोध्या में श्रीराम एयरपोर्ट के लिए जमीन लेने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

कोर्ट ने 23 अप्रैल को जारी सर्कुलर को राष्ट्रीय, प्रांतीय और जिले की टैक्स बार एसोसिएशन को देने का निर्देश दिया है. इस सर्कुलर में मनमानी और गलती करने के दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की प्रक्रिया दी गई है. कर निर्धारण के खिलाफ कर दाता को स्थानीय समिति में शिकायत करने का अधिकार है. यदि वह पाती हैं कि कर निर्धारण अधिकारियों ने नैसर्गिक न्याय का पालन नहीं किया है. विवेक का इस्तेमाल नहीं किया है, घोर लापरवाही बरती है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. कोर्ट ने स्थानीय समिति का प्रचार करने और राष्ट्रीय और स्थानीय अखबार में हर तीसरे महीने में सूचना प्रकाशित करने का निर्देश दिया है और कहा है कि वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाए और कर दाताओं में जागरूकता पैदा की जाए.

कोर्ट ने कहा है कि जहां भी स्थानीय समिति का गठन नहीं किया गया है,अगले 15 दिन में गठन कर दिया जाए. कोर्ट ने एक माह में मानिटरिंग सेल तैयार कर स्थानीय समिति की नियमित निगरानी करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा प्रमुख मुख्य आयुक्त आयकर विभाग व जोनल सदस्य त्रैमासिक रिपोर्ट लेते रहे।समीक्षा कर सर्कुलर लागू कराये. कोर्ट ने स्थानीय समिति को शिकायत दो माह में तय करने तथा उसके चार हफ्ते में कार्रवाई की कर दाताओं को जानकारी देने का भी निर्देश दिया है. कोर्ट ने सी बी डी टी को भी मानिटरिंग कर जारी सर्कुलर को लागू करने के उचित कदम उठाने का निर्देश दिया है.

मालूम हो कि याची और दुष्यंत भाटी ने अपनी खेती की जमीन का दो अलग अलग बैनामा किया, जिससे हुई आय पर धारा 148 के तहत कर निर्धारण कार्रवाई की गई. नेशनल फेसलेस असेसमेंट सेंटर नई दिल्ली ने कार्यवाही की. बिना विवेक का इस्तेमाल किए और कर दाता की सफाई पर विचार किए बगैर कर वसूली आदेश जारी कर दिया गया. कोर्ट ने कहा फेसलेस ने नान फेसलेस की तरह कार्य किया. कोर्ट ने याची को आदेश के खिलाफ अपील दाखिल करने की छूट दी है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details