प्रयागराज: इलाहबाद के बहुचर्चित दीपक तुलसियानी आत्महत्या केस में अधिवक्ता दंपति अजय प्रकाश मिश्रा व उनकी पत्नी जया मिश्रा को लगभग 16 वर्ष बाद सुप्रीम कोर्ट से भी न्याय मिल गया है. हाईकोर्ट ने साक्ष्य के अवलोकन के बाद अपने निर्णय में कहा था कि साक्ष्य से यह साफ है कि दीपक तुलसियानी ने अपनी पत्नी से मोबाइल पर बात करते हुए अपनी लाइसेंसी पिस्टल से आत्महत्या कर ली. साक्ष्य में पाया गया कि मृतक की पत्नी सारे तथ्य छुपाती रही.
हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने रखा बरकरार
अधिवक्ता दंपति अजय प्रकाश मिश्रा और जया मिश्रा को निर्दोष करार देने वाले हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मृतक दीपक की पत्नी अर्चना तुलसियानी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के अधिवक्ता दंपति के निर्दोष करार देने वाले आदेश को सही माना और अधिवक्ता दंपति के निर्दोष होने वाले आदेश को बरकरार रखा. अधिवक्ता दंपति ने बताया कि सच बोलना महंगा पड़ गया कि अर्चना से मोबाइल पर बात करते हुए दीपक ने आत्महत्या कर ली, जिससे बचने व एलआईसी के पैसे पाने के लिए उल्टा उन्हें ही झूठे मुकदमे में फंसा दिया गया. उस समय अधिवक्ता दंपति के दोनों पुत्र जो क्रमशः 5 व 3 वर्ष के थे. जिनकी परवरिश पर बुरा प्रभाव पड़ा है.