उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

प्रयागराज: दारोगा से जज बन गए विनायक सोमवंशी - विनायक सोमवंशी

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से पीसीएस जे परीक्षा के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं. इस परीक्षा में पास होने वाले अभ्यर्थियों में विनायक सोमवंशी का नाम चर्चाओं में है. उन्होंने सब इंस्पेक्टर के पद पर रहते हुए यह परीक्षा पास की है. अपनी इस सफलता के बारे में उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

पीसीएसजे पास करने वाले विनायक सोमवंशी ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत.

By

Published : Jul 27, 2019, 7:03 PM IST

प्रयागराज: जिले के कर्नलगंज थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर विनायक सोमवंशी ने पीसीएसजे में सफलता हासिल की है. चंदौली जनपद के रहने वाले विनायक साल 2017 में सब इंस्पेक्टर नियुक्त हुए थे. उन्होंने पीसीएस जे परीक्षा की तैयारी के लिए एक महीने की छुट्टी ली थी. इसके पहले वे ड्यूटी से वक्त निकालकर पढ़ाई करते थे. उनकी सफलता से पुलिस महकमे में खुशी है. इस मौके पर विनायक सोमवंशी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत और अपनी सफलता की कहानी साझा की.

पीसीएसजे पास करने वाले विनायक सोमवंशी ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत.

क्या है उनकी सफलता की कहानी

चंदौली जनपद के रहने वाले विनायक बीएचयू से एलएलबी की डिग्री हासिल करने के बाद पीसीएस जे की तैयारी करने दिल्ली चले गए. इस दौरान साल 2011 की एसआई भर्ती में इनका चयन हो गया. साल 2017 में ट्रेनिंग खत्म करने के बाद प्रयागराज के कर्नलगंज थाने के इलाहाबाद विश्वविद्यालय चौकी में उन्हें तैनाती मिली. यहां वह दिन में ड्यूटी के बाद पढ़ाई करते थे. पीसीएस जे परीक्षा के दौरान विनायक ने एक महीने की छुट्टी ली थी. विनायक का कहना है कि ड्यूटी के दौरान पुलिस विभाग की तमाम मुश्किलें समझ आईं. उनके मुताबिक पुलिस विभाग में छुट्टियां लेने के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ती है. साथ ही कई बार लगातार चौबीस घंटे ड्यूटी करनी पड़ती है. ऐसे में उन्हें पढ़ाई में खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ा लेकिन एसपी सिटी ने उनकी काबिलियत को देखते हुए एक महीने की छुट्टी मुकर्रर कर दी थी. इस एक महीने में विनायक ने अपनी मेहनत से परीक्षा में सफलता हासिल कर ली.

पिता का सपना सच कर दिखाया

प्रयागराज के कर्नलगंज थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर विनायक सोमवंशी ने पीसीएस जे परीक्षा में 587 रैंक हासिल की है. विनायक के पिता किसान हैं और वे चाहते थे कि उनका बेटा जज बनकर समाज की सेवा करे. विनायक बताते हैं कि उनके गांव से पुलिस विभाग में जाने वाले वे पहले शख्स थे. उन्हें सब इंस्पेक्टर की वर्दी की जानकारी भी नहीं थी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details