प्रयागराज: प्रदेश में सरकार गठित हुए डेढ़ माह बीतने के बाद भी प्रदेश का महाधिवक्ता तय नहीं किया जा सका. वहीं, सरकार ने संकेत दिए हैं कि वह जनसंख्या नियंत्रण कानून और समान नागरिक संहिता लागू कर सकती है. कोर्ट में भी कानून टिका रहे, इसकी चिंता में महाधिवक्ता पद के लिए योग्य अनुभवी वरिष्ठ अधिवक्ता की तलाश जारी है ताकि कोर्ट में फजीहत न झेलनी पड़े. महाधिवक्ता के आने के बाद प्रभावी पैरवी करने के लिए सरकारी वकीलों की भी परख होगी.
वहीं, अभी इलाहाबाद हाईकोर्ट में लखनऊ पीठ सहित 1850 सरकारी वकील हैं. अपर महाधिवक्ता और मुख्य स्थायी अधिवक्ता की फौज है. इसके बावजूद महत्वपूर्ण मामलों में कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं को विशेष अधिवक्ता नियुक्त किया गया था. योगी सरकार दो में भारी टीम के बजाय योग्य प्रभावी टीम रखने पर विचार किया जा रहा है.
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गौरतलब है कि पिछले कार्यकाल में गृहणियों, दूकानदारों, अन्य व्यवसाय करने वाले भी ऊंची पहुंच के कारण भारी संख्या में सरकारी वकील नियुक्त कर दिए गए. एक मामले में अनुभव योग्यता में राज्यपाल के आदेश से डील दे दी गई थी. तमाम लोगों को उपकृत किया गया. सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा राज्य मामले में सभी राज्य सरकारों को योग्य वकीलों की नियुक्ति के लिए नियमों में बदलाव लाने का निर्देश जारी किया है. इतना ही नहीं सरकार ने जब वकीलों की योग्यता परखने के लिए बुलाया तो हाय तौबा मचा गई. हालांकि सरकार की इस मुहिम को आम अधिवक्ताओं का भारी समर्थन मिला. अब सरकार को दिशा देनी है.
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