प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व काबीना मंत्री आजम खां के करीबी पूर्व सीओ आले हसन को राहत (Azam Khan close former co Ale Hasan) देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि प्राथमिकी रद्द करने की मांग वाली याचिका पोषणीय नहीं है. यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति गजेंद्र कुमार की खंडपीठ ने वसीम व अन्य की याचिका पर दिया है.
मामले के तथ्यों के अनुसार रामपुर के सिविल लाइंस थाने में 16 जुलाई 2022 को एक मकान में जुआ खिलवाने केआरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. विवेचना में वसीम और सीओ आले हसन का नाम सामने आया था. दोनों ने याचिका दायर कर प्राथमिकी रद्द करने की मांग की थी. कहा गया कि मामले में उनके खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है. उन्हें एक राजनीतिक षड़यंत्र के तहत फंसाया गया है.
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