प्रयागराज/वाराणसी: इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण आज संपन्न हो गया है. सूर्य ग्रहण के मोक्ष काल के बाद काशी में एक तरफ जहां कुछ मंदिरों के कपाट खुल गए हैं, तो सिकाची विश्वनाथ मंदिर का कपाट कल सुबह मंगला आरती के साथ ही खोला जाएगा. वहीं, ग्रहण खत्म होने के बाद गंगा घाटों पर आस्था वाहनों का जनसैलाब गंगा में डुबकी लगाने के लिए उमड़ पड़ा है. लोग गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य के भागी बन रहे हैं और दान पुण्य कर ग्रहण के प्रताप को कम करते हुए अपने जीवन को खुशहाल होने की कामना कर रहे हैं. वहीं, कई शहरों में मंदिरों के कपाट खोल दिए गए हैं.
दीपावली के बाद मंगलवार को सूर्यास्त के समय सूर्य ग्रहण लगा था, जिसे लेकर वैज्ञानिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अलग-अलग बातों को महत्व दिया जा रहा था. ग्रहण काल में भगवान की पूजा दर्शन बंद रहता है, लेकिन जप और ध्यान लगाकर लोग भगवान पर आए इस कष्ट को शीघ्र खत्म करने की कामना करते हैं. वहीं, आज ग्रहण की शुरुआत के साथ ही काशी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर और अन्य मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिए गए थे , जिससे भक्त दर्शन पूजन नहीं कर पा रहे थे. ग्रहण काल खत्म होने के बाद गंगा घाटों पर लोगों की भीड़ हुई है और लोग गंगा में पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं.
फिलहाल ग्रहण का मोक्ष हो चुका है और लोग स्नान ध्यान कर दान पुण्य कर रहे हैं. ऐसी मान्यता है कि ग्रहण काल खत्म होने के बाद किसी भी नदियां सरोवर में स्नान करने के बाद अनाज, वस्त्र या गर्म कपड़े दान किए जाते हैं. जिसे लेकर गंगा घाटों पर लोगों की भीड़ और दान करने वालों का हुजूम दिखाई दी.
प्रयागराज में संगम नहाने पहुंचे श्रद्धालु
प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. इस दौरान कुछ लोग नदी में खड़े होकर विशेष रूप से मंत्रों का जाप किया. वहीं, दूसरी तरफ संगम किनारे स्थित लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर के कपाट भी भोर से ही बंद रहा. भक्तों ने मंदिर के बाहर से ही भगवान की पूजा की. श्रद्धालुओं का कहना है कि ग्रहण के दौरान पूजा पाठ करने से ग्रहण के दुष्प्रभाव खत्म होता है. ग्रहण के प्रभाव से अपने-अपने परिवार को बचाने के लिए उन्होंने पूजा-अर्चना की.
वाराणसी में बंद हुए मंदिर के कपाट
सूर्य ग्रहण की शुरुआत हो चुकी है और गाना की शुरुआत के साथ ही देश भर में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं. काशी में भी ग्रहण शुरू होने से लगभग 1 घंटे पहले से काशी विश्वनाथ मंदिर गर्भ ग्रह के कपाट भक्तों के लिए बंद किए गए हैं और अन्नपूर्णा मंदिर समेत काशी के अन्य बड़े मंदिरों में दर्शन पूजन पूरी तरह से रोक दिया गया. अब ग्रहण खत्म होने के बाद मंदिरों के कुल ने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर बुधवार सुबह मंगला आरती के बाद भक्तों के लिए खुलेगा.