प्रयागराज:उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में अब लोग रेलवे स्टेशन पर ऊपर ही ऊपर मनचाहे प्लेटफार्म पर जा सकेंगे. इसके लिए उत्तर मध्य रेलवे स्काईवॉक बना रहा है. इससे लोगों के समय की बचत होगी. स्काईवॉक बनने से सभी एफओबी (फुटओवर ब्रिज) आपस में जुड़ जाएंगे. लोग एक एफओबी से दूसरे एफओबी पर बिना नीचे उतरे जा सकेंगे.
फुट ओवरब्रिज का वजूद खत्म
प्रयागराज जंक्शन के सबसे पुराने और वीआईपी फुटओवर ब्रिज चार यानी एफओबी-4 का वजूद अब खत्म होने जा रहा है. इसकी मियाद पूरी हो चुकी है. इस पर यात्रियों की आवाजाही बंद कराई जा चुकी है. इसे हटाने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. इसके रिप्लेसमेंट में नया एफओबी बनाया गया है, जो प्लेटफार्म 1 से 6 को कनेक्ट करता है. यह नया एफओबी प्रयागराज के दिल्ली एंड पर बना है.
कुंभ-2019 में बनी थी योजना
कुंभ-2019 में एफओबी को जोड़ने के लिए स्काईवॉक की योजना तैयार की गई थी. इसके पहले चरण का काम पूरा हो चुका है. एक से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने में सुविधा मुहैया कराने के लिए स्काईवॉक बनाया जा रहा है. इसके लिए 557 मीटर लंबा स्काईवॉक जंक्शन बनाया जाना है.
लंबे मूवमेंट से होगा बचाव
उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ अजीत कुमार सिंह के अनुसार जहां तक स्काईवॉक की बात है तो प्रयाग जंक्शन लंबाई में फैला हुआ है. जो 7, 8, 9 व 10 नंबर प्लेटफार्म हैं वह थोड़ा आगे की तरफ हैं यानी हावड़ा एंड पर हैं. 1 से लेकर 6 तक प्लेटफॉर्म दिल्ली एंड की तरफ हैं. अगर कोई व्यक्ति लीडर रोड साइड या सिविल लाइन साइड से घुस रहा है तो एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म जाने के लिए काफी लंबी दूरी तय करनी पड़ती है.
जुड़ जाएंगे चारों एफओबी
इसी असुविधा को ध्यान में रखते हुए स्काईवॉक की सुविधा प्रदान की जा रही है. चार एफओबी आपस में जुड़ जाएंगे. इसका एक फेज एफओबी नंबर दो और तीन के बीच स्काईवॉक है. वह 135 मीटर लंबा है जिसको कुंभ के पहले बना दिया गया था. कुंभ में इसका काफी योगदान भी रहा. पिछले माघ मेले में भी इसकी सुविधा ली गई. अभी जो स्मिथ रोड एफओबी है व एक नंबर एफओबी है (दो नंबर लाइन शाह बाबा एफओबी) उसके बीच स्काईवॉक बनाने का काम चल रहा है. स्काईवॉक बनाने के लिए 21 स्पैन का काम होना है, जिसमें 17 स्पैन का काम हो चुका है. 70 साल पुराना एफओबी गिराया जाएगा तो तीसरे फेज का काम जल्द शुरू करके 3 नंबर व 4 नंबर को कनेक्ट कर दिया जाएगा.
भगदड़ से मिलेगी निजात
पिछले कुंभ में भगदड़ की घटना भी घट गई थी. स्काईवॉक बनने के बाद इन घटनाओं से भी बचाव होगा. प्लेटफॉर्म चेंज होने की दशा में इन स्काईवॉक के जरिए बिना किसी जल्दीबाजी के यात्री अपने मनचाहे स्थान पर पहुंच पाएंगे.