प्रयागराजः अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड मामले( Mahant Narendra Giri Suicide Cas) को लेकर हर दिन नए तथ्य सामने आ रहे हैं. जांच एजेंसियां महंत से जुड़े हर संदिग्ध लोगों पर नजर बनाए हुए हैं. प्रदेश सरकार ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति दे दी है. सीबीआई (CBI) की पांच सदस्यीय टीम गुरुवार को प्रयागराज पहुंची थी. टीम ने केस को हैंड ओवर करने की प्रक्रिया शुरू की थी, जो शुक्रवार को पूरी की गई. कहा जा रहा है कि शुक्रवार को नरेंद्र गिरि की मौत की जांच सीबीआई ने संभाल ली है. वहीं आज सुबह अचानक एसआईटी (SIT) की टीम बाघंबरी मठ पहुंचकर निरीक्षण किया.
एसआईटी की टीम शुक्रवार 11 बजे के करीब अचानक मठ बाघम्बरी गद्दी पहुंची है. एसआईटी की टीम में दूसरे नंबर की अधिकारी डीएसपी आस्था जायसवाल मठ में पहुंचीं. उनके साथ ही टीम में शामिल इंस्पेक्टर और सब इंसेक्टर भी मठ के अंदर गए . इस टीम ने सबसे पहले उस कमरे का बाहर से निरीक्षण किया, जहां पर महंत नरेंद्र गिरी के फांसी लगाए जाने की बात कही जा रही है. टीम ने मठ के अंदर उस कमरे का बाहर से निरीक्षण करने के बाद मठ के दूसरे हिस्सों का भी निरीक्षण किया. इसके बाद टीम सीधे मठ के उस हिस्से में गयी जहां पर साधु संत निवास करते हैं. बताया जा रहा है कि एसआईटी की टीम मठ के अंदर जाकर वहां मौजूद साधु-संतों से बयान ले रही है.
बता दें कि 20 सितम्बर को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने संदिग्ध अवस्था में सुसाइड कर लिया था. उनके कमरे से कई पन्नों वाला सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था, जिसमें महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के लिए तीन नाम लिखे हुए थे. जिसमें सबसे पहला नाम महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य रहे स्वामी आनंद गिरि का जबकि दूसरा नाम लेटे हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी रहे आद्या तिवारी का था और तीसरा नाम आद्या तिवारी के बेटे संदीप तिवारी का लिखा हुआ था.