प्रयागराज:मैनपुरी में करीब 3 साल पहले एक स्कूल छात्रा की स्कूल परिसर में दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी. इस घटना की मॉनिटरिंग कर रही हाई कोर्ट की बेंच के समक्ष एसआईटी ने सोमवार को जांच की स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत की. रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में दाखिल की गई. जांच एजेंसी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चतुर्वेदी ने कोर्ट को अवगत कराया कि एसआईटी ने अपनी जांच पूरी कर ली है. घटना में नामजद आरोपियों सहित लगभग 450 लोगों का डीएनए टेस्ट कराया गया है. मगर किसी का डीएनए मैच नहीं किया. मामले की सुनवाई कर रही है मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की खंडपीठ ने याची को अगली सुनवाई पर इस रिपोर्ट से संबंधित अपनी आपत्तियां प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.
दूसरी ओर याचिकाकर्ता महेंद्र प्रताप सिंह और वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेंद्र नाथ सिंह ने एसआईटी की जांच के तरीकों पर गंभीर सवाल उठाए. कहा गया कि पहली बार गठित एसआईटी द्वारा आरोपियों को बचाने की बात सामने आने के बाद चार पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड किया गया था. इसके बाद दोबारा एसआईटी गठित की गई. मगर उसकी जांच भी बेनतीजा है. एसआईटी ने हत्या और दुष्कर्म की धाराएं हटाते हुए मात्र एक आरोपी स्कूल की प्रधानाचार्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 के तहत चार्जशीट दाखिल की है. उसमें भी उसे जमानत मिल गई है. सभी निलंबित पुलिस अधिकारी बहाल कर दिए गए है. घटना के 3 साल बाद भी एसआईटी अभी तक जांच पूरी नहीं कर सकी है.