प्रयागराज: गुरुवार यानी आज से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है. नवरात्रि के नौ दिन माता के नौ अलग-अलग रूपों की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना का विधान है, जिसे लेकर मंदिरों और घरों में तैयारियां जोरों शोरों से चल रही हैं. बाजारों में भी नवरात्रि की चमक देखी जा रही है. बाजारों में पूजन के सामान जैसे नारियल, चुनरी सहित अन्य सामग्रियां खरीदने के लिए लोगों की काफी भीड़ भी देखने को मिल रही है.
शारदीय नवरात्रि 2021: आज से नवरात्रि प्रारंभ, जानिए कलश स्थापना शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि
7 अक्टूबर यानी आज से शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो रहा है. यह त्योहार माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की नौ दिनों तक उपासना का त्योहार है. इस पर्व पर कलश स्थापना का विशेष महत्व है. आइये जानते हैं क्या है कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि...
हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रति वर्ष शारदीय नवरात्रि आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होता है और इसका समापन नवमी तिथि को होता है, लेकिन इस बार एक तिथि की हानि होने से आठ दिनों की ही नवरात्रि होगी. शारदीय नवरात्रि पर्व 7 अक्टूबर गुरुवार से प्रारंभ होकर 14 अक्टूबर तक चलेगा. दुर्गाष्टमी 13 अक्टूबर को है और महानवमी भी 14 अक्टूबर को है. वहीं 15 अक्टूबर को दशहरा पर्व है. इस महापर्व में मां दुर्गा के भक्त उनकी व्रत रखकर विधि-विधान से उपासना करते हैं. साथ ही शुभ मुहूर्त में घटस्थापना कर इस पावन पर्व की शुरुआत की जाती है. वहीं अंतिम दिन कन्या पूजन कर इस पर्व का समापन किया जाता है.
नवरात्रि के पूजन का समापन नवमी के दिन विधि-विधान के साथ हवन करके किया जाता है.
- नवरात्रि के दौरान सात्विक भोजन करना चाहिए. यानि इस दौरान लहसुन, प्याज, मांस- मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.
- अगर आपने घर में कलश स्थापना, अखंड ज्योति जला रखी है तो घर को खाली न छोड़ें.
- जिन लोगों ने नवरात्रि के दौरान व्रत रखा है, उन्हें इन नौ दिनों तक दाढ़ी-मूंछ, बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए.
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- शारदीय नवरात्रि का महत्व
हिन्दू मान्यता के अनुसार, शारदीय नवरात्रि माता दुर्गा की आराधना का श्रेष्ठ समय होता है. नवरात्रि के 9 दिनों में हर दिन मां के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है, जो अपने भक्तों का कल्याण करती हैं. नवरात्रि का हर दिन देवी के विशिष्ठ रूप को समर्पित होता है. मान्यता है कि इन नौ दिनों में पूरे विधि विधान और सच्चे मन से माता की आराधना करने से मां प्रसन्न होती हैं और भक्तों के हर मनोरथ पूर्ण करती हैं. कहते हैं जो भक्त सच्चे मन से शारदीय नवरात्रि व्रत को करता है मां दुर्गा उसके समस्त प्रकार के कष्टों को हर लेती हैं और उसे सुखी और समृद्धशाली जीवन प्रदान करती हैं. नवरात्रि में व्रत से भक्तों की समस्त प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
माता दुर्गा के नौ स्वरूप
- नवरात्र पहला दिन : मां शैलपुत्री
- दूसरा दिन : मां ब्रह्मचारिणी
- तीसरा दिन : मां चंद्रघंटा
- चौथा दिन : मां कुष्मांडा
- पांचवा दिन : मां स्कंदमाता
- छठा दिन : मां कात्यायनी
- सातवां दिन : मां कालरात्रि
- आठवां दिन : मां महागौरी
- नवा यानी अंतिम दिन : मां सिद्धिदात्री
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