उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

बालिग की सहमति से सेक्स भले ही अपराध नहीं किन्तु यह अनैतिक व भारतीय सामाजिक मूल्यों के खिलाफ: हाईकोर्ट

कोर्ट ने कहा घटना के समय याची का आचरण निंदनीय रहा. वह ब्वाय फ्रेंड कहलाने लायक नहीं है. अपने सामने प्रेमिका का सामूहिक दुराचार होते वह चुपचाप देखता रहा. प्रेमिका की शरीर व आत्मा बहशी गिद्धों से नुचती रही, उसने लेश मात्र भी विरोध नहीं किया.

बालिग की सहमति से सेक्स भले ही अपराध नहीं किन्तु यह अनैतिक व भारतीय सामाजिक मूल्यों के खिलाफ: हाईकोर्ट
बालिग की सहमति से सेक्स भले ही अपराध नहीं किन्तु यह अनैतिक व भारतीय सामाजिक मूल्यों के खिलाफ: हाईकोर्ट

By

Published : Oct 30, 2021, 9:35 PM IST

प्रयागराज :इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि हालांकि बालिग लड़की की सहमति से यौन संबंध बनाना अपराध नहीं है. परन्तु यह अनैतिक, असैद्धांतिक एवं भारतीय सामाजिक मूल्यों के खिलाफ है. कोर्ट ने कहा कि अपने को लड़की का ब्वाय फ्रेंड कहने वाले का कर्तव्य था कि वह सहअभियुक्तों से सामूहिक दुराचार होने के समय लड़की की रक्षा करता. कहा कि यदि पीड़िता याची की प्रेमिका है तो उसी क्षण उसका कर्तव्य था कि वह उसकी मान, मर्यादा व सम्मान की रक्षा करता.

कोर्ट ने कहा घटना के समय याची का आचरण निंदनीय रहा. वह ब्वाय फ्रेंड कहलाने लायक नहीं है. अपने सामने प्रेमिका का सामूहिक दुराचार होते वह चुपचाप देखता रहा. प्रेमिका की शरीर व आत्मा बहशी गिद्धों से नुचती रही, उसने लेश मात्र भी विरोध नहीं किया.

याची के कृत्य को देखते हुए न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने प्रेमी मित्र राजू को जमानत पर रिहा करने का आदेश देने से इंकार कर दिया है. कहा है कि यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता कि सह अभियुक्तों से उसका कोई सरोकार नहीं रहा है.

यह भी पढ़ें :इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किया सचिव शिक्षा मंत्रालय लखनऊ के खिलाफ जमानती वारंट जारी

मालूम हो कि 20 फरवरी 21 को चार लोगों के खिलाफ पाक्सो एक्ट व भारतीय दंड संहिता की धाराओं में कौशांबी के अकिल सराय थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. पीड़िता के अनुसार 19 फरवरी को वह सिलाई केंद्र गई थी. 8 बजे सुबह उसने ब्वाय फ्रेंड राजू को फोन किया कि वह मिलना चाहती है.

नदी किनारे दोनों मिले. कुछ देर में तीन अन्य लोग वहां आए. उन्होंने राजू को मारापीटा. मोबाइल फोन छीन लिया और पीड़िता के साथ सामूहिक दुराचार किया. दोनों नदी किनारे मिल रहे हैं, उन्हें ही पता था. कोर्ट ने जमानत देने से इंकार करते हुए कहा कि यह निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता कि याची का अभियुक्तों से कोई संबंध नहीं है. अपराध में शामिल होने की संभावना है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details