उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

विज्ञान परिषद को छोड़ना होगा विश्वविद्यालय का भवन, हाईकोर्ट ने दिया आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के भवन को खाली करने का आदेश विज्ञान परिषद को दिया है. इसके साथ ही भवन खाली करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 31, 2023, 10:34 PM IST

प्रयागराज: विज्ञान परिषद को इलाहाबाद विश्वविद्यालय का भवन खाली करना पड़ेगा. भवन का व्यावसायिक इस्तेमाल करने के कारण परिषद को अब यह स्थान छोड़ना पड़ेगा. इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने 20 जून 2023 को एग्जीक्यूटिव काउंसिल द्वारा पारित प्रस्ताव के माध्यम से विज्ञान परिषद को भवन खाली करने का आदेश दिया था. इस आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. विज्ञान परिषद की याचिका पर न्यायमूर्ति मंयक त्रिपाठी और न्याय मूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई की.

विज्ञान परिषद की ओर से विश्वविद्यालय द्वारा जारी आदेश को चुनौती देते हुए कहा गया था कि कोविड के दौरान आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए परिषद ने सीमित संख्या में विज्ञान परिषद की बिल्डिंग का व्यावसायिक इस्तेमाल किया था. साथ ही बिल्डिंग के एक हिस्से को किराए पर भी दिया गया था. विश्वविद्यालय द्वारा इस पर आपत्ति किए जाने के बाद सभी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियां बंद कर दी गई है. यह भी दलील दी गई कि विज्ञान परिषद ने अपना उद्देश्य और लक्ष्य नहीं बदला है. मात्र आर्थिक जरूरत को पूरा करने के उद्देश्य से भवन का व्यावसायिक इस्तेमाल किया गया.

यह भी कहा गया कि विश्वविद्यालय ने भवन खाली करने का आदेश देने से पूर्व परिषद को सुनवाई का कोई मौका नहीं दिया. ना ही 6 माह के भीतर भवन खाली करने के लिए कोई नोटिस दिया गया. जो कि 27 जनवरी 1953 को विश्वविद्यालय एग्जीक्यूटिव काउंसिल द्वारा पारित प्रस्ताव के तहत अनिवार्य है. कोर्ट का कहना था कि याची संस्था विज्ञान परिषद ने यह स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है कि संस्था के भवन में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की गई. जबकि उसे यह भवन मात्र विज्ञान संबंधी गतिविधियां संचालित करने के लिए विश्वविद्यालय की ओर से उपलब्ध कराया गया था. इस स्थिति में विश्वविद्यालय एग्जीक्यूटिव काउंसिल द्वारा पारित प्रस्ताव में कोई अवैधानिकता नहीं है. कोर्ट ने विज्ञान परिषद की याचिका खारिज कर दी है.

यह है पूरा मामला:विज्ञान परिषद की नींव 10 मार्च 2013 को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के चार प्रोफेसर के द्वारा रखी गई. इसका उद्देश्य विज्ञान की गतिविधियों को हिंदी भाषा में संचालित करने तथा प्रसारित करने का था. एक समझौते के तहत विश्वविद्यालय ने इसके लिए विज्ञान परिषद को अपने परिसर में ही जमीन उपलब्ध कराई और इस पर भवन निर्माण के लिए बजट भी दिया. इस शर्त के साथ की यह भवन विश्वविद्यालय का ही रहेगा. मगर विज्ञान परिषद इसका लंबे समय तक उपयोग कर सकेगी.

यह भी शर्त थी कि यदि विज्ञान परिषद इस भवन का किसी अन्य उद्देश्य के लिए उपयोग करती है. वह भी बिना विश्वविद्यालय की सहमति के, तो उसे 6 माह के भीतर यह भवन खाली करना होगा. विश्वविद्यालय का कहना था कि परिषद द्वारा संचालित की जा रही व्यावसायिक गतिविधियां इस शर्त का स्पष्ट उल्लंघन है. परिषद और विश्वविद्यालय के बीच हुए पत्राचार में परिषद द्वारा यह इस बात को स्वीकार भी किया गया कि उन्होंने व्यावसायिक गतिविधियों के लिए परिसर का उपयोग किया गया है तथा विश्वविद्यालय की ओर से निर्देश प्राप्त होते ही तत्काल इसे बंद कर दिया गया है.

यह भी पढ़ें: हाईकोर्ट ने कहा- फरारी की उद्घोषणा के बाद भी दी जा सकती है अग्रिम जमानत

यह भी पढ़ें: पत्नी कमा रही है तो भी गुजारा भत्ता से नहीं कर सकते इनकार : High Court

ABOUT THE AUTHOR

...view details