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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरताज खान की याचिका की खारिज - फर्जी मार्कशीट से कांस्टेबल बनने वाले की याचिका खारिज

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्जी मार्कशीट से पुलिस कांस्टेबल की नौकरी पाने वाले वाराणसी के सरताज खान की याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा यह नौकरी पाने के लिए फर्जीवाड़ा किया गया है. इसके साथ ही कोर्ट ने याची को 10 हजार रुपये हर्जाना भरने के भी आदेश दिए हैं.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरताज खान की याचिका की खारिज

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Published : Feb 4, 2020, 3:23 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्जी मार्कशीट से पुलिस कांस्टेबल की नौकरी पाने वाले वाराणसी के सरताज खान की याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने याची को 10 हजार रुपये हर्जाना भरने के भी आदेश दिए हैं. कोर्ट ने कहा है कि याची ने नौकरी पाने के लिए फर्जी हस्तलिखित मार्कशीट तैयार कर दाखिल की, जबकि बोर्ड द्वारा कंपयूटराइज्ड मार्कशीट दी जाती है.

न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल का आदेश
कोर्ट ने कहा मूल पत्रावली में जो जन्मतिथि लिखी गई है उसके आधार पर वह 2006 में कांस्टेबल भर्ती में आवेदन करने के योग्य नहीं था. इसलिए फर्जी मार्कशीट पर उसने आवेदन दिया. यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने सरताज खान की याचिका पर दिया है. ऐसे में याची को नौकरी से हटाने के एसएसपी वाराणासी के आदेश पर हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता.

याचिका पर अधिवक्ता धर्मेंद्र कुमार पांडेय ने किया प्रतिवाद
याची ने फर्जी मार्कशीट से नौकरी प्राप्त की है. कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा परिषद की मूल पत्रावली तलब की जिसमें याची की जन्म तिथि 10 अप्रैल 1986 दर्ज की गई है, जबकि नौकरी पाने के लिए जो मार्कशीट दी गई है,उसमें जन्मतिथि 10अगस्त 1986 दर्ज है. जन्मतिथि में परिवर्तन कर धोखाधड़ी की गई है.

फर्जी मार्कशीट से कांस्टेबल बनने वाले की याचिका खारिज
याची का कहना था कि उसने हाईस्कूल की मार्कशीट में अपने नाम के सामने कुमारी लिखे होने और गलत जन्मतिथि दर्ज होने की संशोधन अर्जी दी थी. उसे बोर्ड द्वारा संशोधित मार्कशीट दी गई, जिसमें उसके नाम से कुमारी शब्द हटा दिया गया और उसकी जन्मतिथि भी संशोधित कर दी गई थी. लेकिन जब बोर्ड का रिकार्ड तलब किया गया तो उस में पाया गया कि केवल नाम के आगे कुमारी शब्द हटाया गया था और जन्मतिथि में कोई परिवर्तन नहीं किया गया था. कोर्ट ने कहा यह नौकरी पाने के लिए फर्जीवाड़ा किया गया है. कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है.

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