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अंग्रेजी भाषा में इस यूनिवर्सिटी में दी जा रही है संस्कृत की शिक्षा - allahabad central university

इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में संस्कृत के छात्रों को संस्कृत की पढ़ाई अंग्रेजी भाषा में पढ़ायी जा रही है. संस्कृत विभाग में अंग्रेजी में चल रही कक्षाओं में पढ़ाई करने के लिए उत्साह के साथ छात्र पहुंच रहे हैं.

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Published : Aug 2, 2022, 9:06 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में संस्कृत के छात्रों को संस्कृत की पढ़ाई अंग्रेजी भाषा में पढ़ायी जा रही है. संस्कृत के छात्रों को अंग्रेजी के साथ ही हिंदी में भी पढ़ाया जाता है. संस्कृत विभाग के एचओडी प्रोफेसर राम सेवक दुबे का कहना है कि संस्कृत की शिक्षा अंग्रेजी में दिए जाने से छात्रों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी. इसके साथ ही विदेश से आने वाले छात्रों का भी रुझान संस्कृत विभाग की तरफ बढ़ेगा. इसके अलावा संस्कृत का ज्ञान अंग्रेजी में होने से यहां के छात्रों को विदेशों में बेहतर विकल्प मिलेंगे.

इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी के संस्कृत विभाग में इन दिनों स्नातक और परास्नातक के छात्रों को संस्कृत विषय की पढ़ाई संस्कृत के साथ ही अंग्रेजी और हिंदी भाषा में सिखायी जा रही है. संस्कृत विभाग के एचओडी प्रोफेसर राम सेवक दुबे (Professor Ram Sevak Dubey, HOD, Department of Sanskrit) ने बताया कि संस्कृत को अंतरार्ष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए इस विषय की शिक्षा अंग्रेजी हिंदी और संस्कृत भाषा में दी जा रही है. जिससे कि यहां के पढ़े हुए छात्र दूसरे देशों में भी जाकर संस्कृत विषय का प्रचार -प्रसार आसानी से कर सकेंगे. इसके साथ ही उन्हें दूसरे देशों में नौकरी और शोध करने में सहूलियत मिलेगी.

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संस्कृत विभाग की कक्षा में अंग्रेजी में चल रही क्लासेज
संस्कृत विभाग में अंग्रेजी में चल रही कक्षाओं में पढ़ाई करने के लिए उत्साह के साथ छात्र पहुंच रहे हैं. इन छात्रों का कहना है कि उन्हें अंग्रेजी में जो संस्कृत की शिक्षा मिल रही है, वो उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने में सहयोग करेगी. संस्कृत की शिक्षा अंग्रेजी में हासिल करने से छात्रों को न सिर्फ अपने देश बल्कि दूसरे देशों में भी रोजगार के अवसर मिलेंगे. इसके साथ ही वो दूसरे देशों में भी जाकर संस्कृत भाषा का प्रचार प्रसार करेंगे.

प्रो रामसेवक दुबे,एचओडी
दूसरे विभागों के छात्र भी सीख सकते हैं अंग्रेजी में संस्कृतप्रोफेसर रामसेवक दुबे का यह भी कहना है की विश्वविद्यालय के वो छात्र जिन्हें संस्कृत के वेद मंत्रों में रुचि हो और वो संस्कृत के मंत्रों का अर्थ अंग्रेजी या हिंदी में जानना चाहते हैं. उन्हें भी संस्कृत का ज्ञान देने की योजना बन रही है. साइंस या दूसरे विषय के जो छात्र वेद मंत्रों यजे संस्कृत के पाठों का अर्थ अंग्रेजी में जानना या सीखना चाहते हैं. उनके लिए भी बहुभाषी शिक्षा पद्दति के तहत संस्कृत की शिक्षा अंग्रेजी हिंदी भाषा मे दी जा सकती है, जिससे की संस्कृत का प्रचार प्रसार और तेजी से हो सके.नयी शिक्षा नीति के तहत दी जा रही बहुभाषीय शिक्षा संस्कृत विभाग के शिक्षक और एचओडी का कहना है कि नयी शिक्षा नीति के तहत छात्रों को बहुभाषीय शिक्षा दी जा रही है. उनका कहना है कि सरकार ने नयी शिक्षा नीति के तहत छात्रों को अलग अलग भाषाओं में शिक्षा दी जा रही है. सरकार की मंशा के अनुरूप छात्रों को बेहतर भविष्य के लिए बहुभाषीय शिक्षा दी जा रही है. जिससे कि उनका ज्ञान एक ही भाषा तक सीमित न रहे. इसके साथ ही उन्हें नौकरी के लिए दूसरे देशों में भी अवसर मिलेंगे. विश्वविद्यालय में संस्कृत की शिक्षा हासिल कर रहे छात्र भी इस नयी पहल की सराहना कर रहे हैं.ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

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