प्रयागराज:माघ मेला क्षेत्र में स्थित विश्व हिंदू परिषद के शिविर में संत सम्मेलन का मंगलवार को समापन हुआ. इस दौरान अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण सहित अखंड भारत का निर्माण, भारतीय संस्कृत के मूल को बचाने का संकल्प संतों के द्वारा लिया गया. तीन घंटे तक संतों के ओजस्वी विचारों के बीच हुए मंथन के बाद सम्मेलन में साधु संतों ने एकजुट होकर राम मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी श्री राम जन्मभूमि न्यास को सौंपने और विहिप के मॉडल पर ही मंदिर निर्माण की मांग जोर-शोर से उठाई.
संत सम्मेलन की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार और शंखनाद के बीच श्रीराम के चित्र के सामने हुए दीप प्रज्वलन के साथ हुई. विश्व हिंदू परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष आलोक कुमार ने सम्मेलन की प्रस्तावना प्रस्तुत की और सोमवार को विहिप के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल में पारित प्रस्तावों को भी आए हुए संतों के सामने रखा. सम्मेलन में संतों ने एक स्वर से कहा कि नागरिकता संशोधन कानून देश में हित में है, जो इसका विरोध कर रहे हैं वह देश विरोधी हैं. वह जिस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं वह कहीं और की है. वहीं धर्मांतरण को लेकर विहिप और साधु-संतों के बीच रणनीति तय की गई. इसके लिए साधु-संत और विहिप के पदाधिकारी परिवार संस्कार को लेकर के देशभर में जागरूकता कार्यक्रम चलाएंगे.