प्रयागराज: संगमनगरी में चल रहे माघ मेले में हरिद्वार और छत्तीसगढ़ में धर्म संसद करने वाली समिति ने संत सम्मेलन का आयोजन किया. धर्म संसद की जगह संत सम्मेलन के आयोजन में भी साधु संतों ने कई विवादित बयानबाजी की है. संत सम्मेलन में देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के साथ ही 3 प्रस्ताव पारित करके सरकार को भेजा गया है. जिसमें गिरफ्तार संतों की एक हफ्ते में रिहाई न होने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतवानी दी गई है. साथ ही प्रधानमंत्री को धर्मादेश देकर देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए कहा गया है. धर्मांतरण रोकने के कानून को कठोर बनाकर धर्मांतरण कराने वालों को फांसी दिए जाने की मांग भी की गई है.
संत सम्मेलन में हिंदू राष्ट्र बनाने समेत 3 प्रस्ताव पास
धर्म संसद के आयोजक स्वामी आनंद स्वरूप ने भड़काऊ बयान देते हुए कहा कि अगर स्वामी यति नरसिंहानंद और जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को एक हफ्ते में जेल से रिहा नहीं किया गया तो उसका अंजाम बुरा होगा. उनकी आजादी के लिए उस तरह का आंदोलन हो सकता है जैसा शहीद भगत सिंह ने देश की आजादी के लिए असेंबली कांड करके किया था. यही नहीं गिरफ्तार यति नरसिम्हानंद और जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को धर्मयोद्धा बताते हुए हफ्ते भर में उनकी रिहाई न होने पर उग्र आंदोलन की धमकी भी दी है. इसके अलावा तीसरे प्रस्ताव के रूप में धर्मांतरण को पूरी तरह से रोकने के लिए कानून को और सख्त किए जाने की मांग की है. उन्होंने धर्मांतरण कराने वालों को फांसी की सजा दिए जाने को लेकर सख्त कानून बनाने की भी मांग की है.