प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिल जमा होने के बावजूद भारत संचार निगम लिमिटेड के टेलीफोन एक्सचेंज और टावर प्लांट की विद्युत सप्लाई काटने के कारण सोनभद्र के अनपरा में आम जनता की फोन और इंटरनेट सेवा बंद होने को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के एमडी से व्यक्तिगत हलफनामे में तीन दिन में जवाब मांगा है. कोर्ट ने जवाब दाखिल न होने पर उन्हें व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का आदेश दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति सूर्य प्रकाश केसरवानी और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने बीएसएनएल की ओर से अधिवक्ता सुनील चौधरी को सुनकर दिया है. एडवोकेट सुनील चौधरी ने कोर्ट को बताया कि बीएसएनएल, अनपरा सोनभद्र की ओर से लगातार बिजली के बिलों का भुगतान किया जा रहा है. लेकिन उत्तर प्रदेश राज्य विधुत उत्पादन निगम लिमिटेड लगभग ढाई करोड़ का बिल बकाया बता रहा है, जिसमें सरचार्ज एक करोड़ 70 लाख रुपये पेनाल्टी के रूप में लगाया गया है. यह भी कहा कि बीएसएनएल टावर और टेलीफोन एक्सचेंज अनपरा में 2014 से 2018 तक मीटर न होने के कारण आईडीएफ का बिल बनाकर अनुमान के आधार पर काफी ज्यादा बिल भेजा गया था, जिस पर आपत्ति भी की गई थी. लेकिन उत्तर प्रदेश राज्य विधुत उत्पादन अनपरा, सोनभद्र सुनने को तैयार नहीं है. जबकि 100 प्रतिशत सरचार्ज माफी योजना के अंतर्गत यदि कोई बकाया बिल सुधार करने के बाद निकलता है तो उसे याची 12 किस्तों में देने को तैयार है.