प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद व विधायक आजम खान को राहत देते हुए उनके विरुद्ध दंगा भड़काने के मुकदमे में अदालत द्वारा संज्ञान लिए जाने के आदेश को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार द्वारा मुकदमा चलाए जाने की अनुमति नहीं दी गई है. इस स्थिति में कोर्ट द्वारा संज्ञान लिए जाने का आदेश अनुचित है. हाईकोर्ट ने कहा कि यदि सरकार इस मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति देती है तो कोर्ट मुकदमे पर संज्ञान लेकर आगे की कार्रवाई कर सकती है.
मोहम्मद आजम खान की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति डीके सिंह ने दिया है. याचिका में फिरोजाबाद एसीजेएम कोर्ट में आजम खान के खिलाफ 21 जून 2007 को दाखिल चार्जशीट को रद्द करने तथा आईपीसी की धारा 188 और 153 (ए)के तहत दर्ज मुकदमे की कार्रवाई को रद्द करने की मांग की गई थी. आजम खान के अधिवक्ता का कहना था कि याची 7 बार विधानसभा सदस्य रह चुका है और विधानसभा में विपक्ष का नेता भी रहा है. दो बार उसने लोकसभा चुनाव जीता है तथा उसकी पत्नी व बेटा भी विधानसभा सदस्य है. याची रामपुर के जौहर विश्वविद्यालय का संस्थापक कुलाधिपति भी है. वर्ष 2007 में विधानसभा चुनाव के दौरान आजम खान फिरोजाबाद में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने गए थे.आरोप है कि प्रचार के दौरान उन्होंने भड़काऊ व सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने वाले भाषण दिए जिस पर उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 188 और 153 (ए) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। अभियोजन का कहना था कि उनके भाषण की रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध है.