उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

कोर्ट ने मां व नाबालिग बेटी से दुष्कर्म और ब्लैकमेल करने के आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इंकार, अर्जी खारिज - Senior Advocate Anil Tiwari

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने वीडियो फुटेज तैयार कर ब्लैकमेल करने की धमकी देकर नाबालिग बेटी व उसकी मां से दुराचार व अवैध संबंध बनाने के आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है.

etv bharat
इलाहाबाद हाई कोर्ट

By

Published : Apr 6, 2022, 8:12 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने वीडियो फुटेज तैयार कर ब्लैकमेल करने की धमकी देकर नाबालिग बेटी व मां से दुराचार व अवैध संबंध बनाने के आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है. साथ ही कहा कि आरोप गंभीर है. गैर जमानती वारंट जारी है. कुर्की की कार्रवाई की जा रही है. आरोपी फरार है. ऐसे में वह अग्रिम जमानत पाने का हकदार नहीं है.

हालांकि कोर्ट ने याची के दो हफ्ते में अदालत में समर्पण कर जमानत अर्जी दाखिल करने पर कोर्ट को यथाशीघ्र अर्जी तय करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने योगेंद्र कुमार मिश्र की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज करते हुए दिया. अपर सत्र न्यायाधीश/पाक्सो वाराणसी ने 30 नवंबर 21 को याची को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया था जिस पर यह अर्जी दाखिल की गई थी.

याची के वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल तिवारी का कहना था कि याची का परिवार है. वह शादीशुदा है. उसके बच्चे हैं. शिकायतकर्ता स्कूल में अध्यापिका है. नाबालिग बेटी के साथ अपने पति से अलग रहती हैं. याची भी उसी स्कूल में चपरासी है. सहमति से संबंध बनाए गए हैं. दोनों साथ रहते हैं. याची का बेटा शिकायतकर्ता की बेटी भाई-बहन जैसे रहते हैं. सबूत के तौर पर फोटोग्राफ व चैट दिखाया.

इसे भी पढे़ंःकोर्ट से न्याय न मिल पाने की यथोचित आशंका पर ही केस हो सकता है स्थानांतरित, पढ़ें अन्य खबरें

याची का कहना था कि उसने शिकायतकर्ता के नाम से जमीन खरीदने का करार भी किया है. वह शादीशुदा है. इसलिए उससे शादी नहीं कर सकता. अभी उसका तलाक भी नहीं हुआ है. याची ने विक्रय करार के पैसे वापस ले लिए तो उसे दुराचार के आरोप में फंसाया गया है. कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी है. साथ ही कुर्की की कार्रवाई शुरू की गई है. इसलिए अग्रिम जमानत दी जाय.

सरकारी वकील का कहना था कि याची विवेचना में सहयोग नहीं कर रहा है. इसीलिए वारंट जारी किया गया है. कुर्की आदेश जारी किया गया है. नाबालिग ने कोर्ट में अपने बयान में याची पर दुष्कर्म करने का गंभीर आरोप लगाया है. कोर्ट ने कहा कि अग्रिम जमानत देते समय दो बातें ध्यान में रखनी चाहिए. पहली कि अपराध की विवेचना प्रभावित न हो. आरोपी का उत्पीड़न न होने पाए और गलत तरीके से निरूद्ध न किया जाए.

दूसरे आरोप ठोस तथ्यों पर आधारित होना चाहिए न कि सामान्य आरोप हो. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के हवाले से कहा कि आरोपी पूछताछ के लिए उपलब्ध नहीं हो रहा हो. फरार है तो अग्रिम जमानत पाने का हकदार नहीं है. आरोपी के खिलाफ वारंट जारी है. तामील नहीं किया जा सका है. कुर्की की कार्रवाई शुरू की गई है तो भी वह अग्रिम जमानत पाने का हकदार नहीं हैं.

कोर्ट ने कहा कि याची ने पहले भरोसा जीता फिर भरोसा तोड़ दिया. मां के साथ नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया. वीडियो फुटेज से ब्लैकमेल करने लगा. विवेचना में सहयोग नहीं कर रहा. वारंट जारी है व कुर्की आदेश जारी है. ऐसे में वह अग्रिम जमानत पाने का हकदार नहीं हैं. कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details