प्रयागराजः इंसाफ के देवती कहे जाने वाले शनिदेव 38 सालों के बाद अपने घर मकर राशि में वापस पहुंचे हैं. बीते 38 सालों में धरती पर हुए अत्याचार की सजा लोगों को अलग-अलग रूप में मिल सकती है. शनिदेव की घर वापसी के साथ ही पूरी दुनिया को कोरोना महामारी का प्रकोप झेलना पड़ा है. अब शनि चार ग्रहों के साथ दुर्लभ संयोग करके अप्रैल में कुम्भ राशि में जायेंगे, तो उसका दुनिया पर अच्छा खासा असर पड़ने वाला है.
इंसाफ के देवता शनि देव की घर वापसी
न्याय के देवता शनि देव की घर वापसी के बाद 22 फरवरी से सूर्य गुरु और शुक्र के साथ मिलन का असर अमेरिका, रूस और पाकिस्तान जैसे देशों पर भी देखने को मिल सकता है. वहीं ग्रहों के इस संयोग की वजह से जनता कुछ देशों में तख्ता पलट भी कर सकती है. ज्योतिषी संजय वासुदेवा की माने तो शनि अपने मकर राशि में 38 सालों बाद वापस पहुंचे हैं. जनवरी 2020 में शनि की घर वापसी के साथ ही पूरी दुनिया महामारी की चपेट में आ गयी थी. अब चार ग्रहीय संयोग के बाद शनि कुम्भ राशि में 6 अप्रैल को प्रवेश करेंगे. दुनिया में एकबार फिर से उथल-पुथल मच सकती है. इसके साथ ही ग्रहों के इस बदलाव का असर प्रभावशाली देशों के साथ ही वहां के शासकों पर भी पड़ सकता है.
इंसाफ के देवता शनि 38 सालों बाद लौटे अपने घर
बीते साल 21 जनवरी को शनि अपने घर मकर राशि में प्रवेश कर चुके हैं. 38 साल बाद शनि के घर वापसी के साथ पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में आ गया था. अब 6 अप्रैल को शनि कुम्भ राशि में प्रवेश करने वाले हैं. जिसके बाद दुनिया भर में आम जनता को इसका फायदा मिल सकता है. जबकि ताकतवर और क्रूर शासकों को इसका सीधा नुकसान झेलना पड़ सकता है. वहीं लोकतांत्रिक शासन वाले देशों को ग्रहों के इस बदलाव का लाभ मिल सकता है. शनि का सूर्य, गुरु और शुक्र के साथ हुआ संयोग भी मार्च महीने में कुछ उथल-पुथल मचा सकता है.
कुम्भ को आम आदमी की राशि माना जाता है
ज्योतिषी संजय वासुदेवा के मुताबिक कुम्भ को आम आदमी की राशि माना जाता है. आगामी 6 अप्रैल को न्याय के देवता शनि कुंभ राशि में ही प्रवेश करने वाले हैं. जिसका असर अभी से दुनिया में दिखने लगा है. कई देशों में लोग अपने हक के लिए शासकों के खिलाफ सड़कों पर उतरे हुए हैं. 6 अप्रैल को शनि के कुंभ में प्रवेश करने के साथ ही गरीबों को इंसाफ मिलने लगेगा. जिन देशों में जनता पर जुल्म किया गया है सत्ताधारियों ने गरीब जनता की आवाज़ को दबाया है. वहां सत्ता परिवर्तन भी हो सकता है.
लोहे का भरपूर इस्तेमाल बढ़ने से दुनिया पर पड़ेगी शनि की क्रूर दृष्टि
ज्योतिषी के मुताबिक लोहे को शनि का प्रतीक माना जाता है. बीते 38 साल में पूरी दुनिया में लोहे का इस्तेमाल बढ़ा है. जिसका असर आसमान से लेकर जमीन तक हर ओर देखने को मिल रहा है. यहां तक की दुनिया भर में लोगों के हाथों में उपकरणों के रूप में लोहे का प्रयोग होत दिख रहा है. इसमें मोबाइल समेत तमाम तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल हैं. जिनको बनाने में किसी न किसी रूप में लोहे का प्रयोग किया गया है. लोहे के इस बढ़ते प्रभाव की वजह से शनि की क्रूर दृष्टि पूरी दुनिया पर पड़ रही है. जिस वजह से शनि की घर वापसी के बाद से दुनिया में कोरोना महामारी जैसी विकराल समस्या सामने आ चुकी है. 6 अप्रैल को शनि के कुम्भ राशि में प्रवेश करने के साथ ही आने वाले दिनों में दुनिया पर दूसरी आपदाओं के आने का खतरा भी बढ़ जायेगा.
शनि को माना जाता है इंसाफ का देवता
ज्योतिषाचार्य संजय वासुदेवा का कहना है कि शनि पिछले 38 सालों से अपने घर के बाहर घूम रहे थे. पिछले साल जनवरी में शनि अपने घर में पहुंच चुके हैं. शनि की घर वापसी के पहले से ही उसका असर कोरोना की शुरुआत के साथ दुनिया में दिखने लगा. 21 जनवरी को शनि के पूरी तरह से अपने घर में पहुँचने के बाद पूरी दुनिया पर कोरोना महामारी ने कहर बरपाना शुरू कर दिया था. अब 22 फरवरी से शनि, सूर्य, गुरु, शुक्र जैसे गृहों के संयोग के साथ शनि अपने घर मकर राशि में हैं. इस तरह के संयोग से महाशक्तियों में टकराव होने की संभावना बनती है. इसके साथ ही आने वाले 6 अप्रैल को शनि कुम्भ राशि में पहुँचने वाले हैं. कुम्भ राशि आम आदमी की राशि मानी जाती है. जिसकी वजह से आने वाले दिनों आम आदमी को शनि के प्रभाव का सीधा फायदा मिलने वाला है. वहीं शनि के कुम्भ राशि मे आने के बाद प्रकृति भी करवट लेगी. जिसकी वजह से बीते 38 सालों में प्रकृति का जो भी दोहन इंसानों ने किया है. उसकी सजा भी मिल सकती है. जिससे आने वाले दिनों में कई तरह की प्राकृतिक आपदाओं का सामना पूरी दुनिया को करना पड़ सकता है.
शनि और गुरु की कृपा से रूस बन सकता है महाशक्ति
ज्योतिषी संजय वासुदेवा का कहना है कि चार ग्रहीय संयोग 1962 में बना था. तब ज्योतिष के कई जानकर प्रलय के भय से पहाड़ों पर चले गए थे. जिसके बाद उसी समय भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ था. अब इसी तरह का योग एक बार फिर बना है, ऐसे में फिर से कोई बड़ा युद्ध या प्राकृतिक आपदा दुनिया पर आ सकती है. जिससे सिर्फ ईश्वर ही टाल सकते है या सभी की रक्षा कर सकते हैं. सूर्य, शनि, गुरु, शुक्र के चार ग्रहीय संयोग से एक बार फिर दुनिया में महाशक्तियों के बीच युद्ध के हालात बन सकते हैं. लेकिन इस बार ग्रहों का जो संयोग बन रहा है. उससे भारत नहीं बल्कि रूस और अमेरिका जैसे महाशक्तियों के भिड़ने के संकेत मिल रहे हैं.अमेरिका और रूस जैसे महाशक्तियों के बीच भिड़ंत हुई तो इस बार उसका नुकसान अमेरिका को उठाना पड़ सकता है, और रूस दुनिया के सामने नयी महाशक्ति के रूप में आ सकता है. क्योंकि शनि और गुरु अमेरिका की राशि मे आये थे, तो अमेरिका महाशक्ति बनकर दुनिया के सामने आया. अब वहीं शनि और गुरु रूस के राशि मे प्रवेश करने वाले हैं. ऐसे में आने वाले दिनों में रूस भी महाशक्ति बनकर दुनिया के सामने आ सकता है.
शनि ग्रह का असर कम करने के उपाय
सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार शनि के इस प्रकोप का असर कम करने के लिए गरीबों की सेवा करने के साथ ही कौआ और कुत्ते को भोजन कराना चाहिए. इसके साथ हनुमान जी की उपासना के जरिये भी शनि का प्रकोप झेलने की शक्ति प्राप्त होती है. वहीं ये भी तय है कि इन उपायों के जरिये शनि देव का प्रकोप कम तो हो सकता है लेकिन वो इंसाफ के देवता हैं और अत्याचार व अपराध करने वालों को सजा जरूर देते हैं.