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प्रयागराज: कोर्ट के फैसले से परेशान हुए डीजे कारोबारी, अब शादियों में नहीं लगेंगे ठुमके

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीजे बजाने की अनुमति देने पर रोक लगा दी है. कोर्ट के इस आदेश से कारोबारियों में हड़कंप मच गया है. डीजे कारोबारी संजय अग्रवाल का कहना है कि हाईकोर्ट के इस आदेश से डीजे कारोबारी पूरी तरह से बर्बादी के कगार पर खड़े हैं.

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Published : Aug 28, 2019, 5:13 PM IST

डीजे बजाने की अनुमति देने पर लगी रोक.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीजे बजाने की अनुमति देने पर रोक लगा दी है. जिसके चलते पूरे उत्तर प्रदेश के डीजे कारोबार बंद होने के कगार पर हैं. हाईकोर्ट के आदेश से अब किसी के घर डीजे नहीं बजेगी. कोर्ट के इस आदेश से कारोबारियों में हड़कंप मच गया है. डीजे कारोबारी संजय अग्रवाल ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश का हम सभी पालन करते हैं, लेकिन कोर्ट को इस बात पर सोचना कारोबार बंद होने से लाखों लोग बर्बादी के कगार पर खड़े हैं और बेरोजगार हो जाएंगे.

डीजे बजाने की अनुमति देने पर लगी रोक.

सभी थाना इंजार्जों की है जिम्मेदारी-

  • हाईकोर्ट ने कहा इस आदेश और कानून का पालन कराने की जिम्मेदारी सभी सम्बन्धित थानाध्यक्षो की होगी.
  • कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह प्रदेश के सभी शहरी एरिया को औद्योगिक,व्यवसायिक व् रिहायशी या साइलेन्स जोन के रूप में श्रेणीबद्ध करे.
  • कोर्ट ने कहा है कि शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाए, अनाम शिकायत भी दर्ज हो. एसएमएस, वाट्सएप, ईमेल आदि से मिली शिकायत दर्ज की जाए. साथ ही सम्बन्धित अधिकारी को सूचित किया जाए.
  • कोर्ट ने कहा है कि आदेश की अवहेलना होने पर कोई भी व्यक्ति कोर्ट में अवमानना याचिका भी दायर कर सकता है. कोर्ट ने कहा है कि कार्यवाई न करने के लिए सम्बन्धित थाना प्रभारी जवाबदेह माने जाएंगे.


कोर्ट ने जिलाधिकारी को दिया निर्देश-

कोर्ट ने जिलाधिकारी को ध्वनि प्रदूषण की शिकायत सुनने के अधिकारी से सम्पर्क फोन नम्बर सहित पूरा व्योरा सार्वजनिक स्थलों पर सूचना बोर्डों में दें. शिकायत करने के लिए टोल फ्री नम्बर दिया जाय. कोर्ट ने कहा कि कोई भी व्यक्ति ध्वनि प्रदूषण की शिकायत कर सकता है।हर शिकायत रजिस्टर पर दर्ज की जाय, साथ ही कार्यवाई रिपोर्ट भी दर्ज हो. इसके साथ ही शिकायत दर्ज होते ही पुलिस मौके पर जाकर ध्वनि बन्द कराए और सक्षम अधिकारी को रिपोर्ट करे.

लाखों डीजे कर्मी हो गए बेरोजगार-
डीजे कारोबारी संजय अग्रवाल का कहना है कि हाईकोर्ट के इस आदेश से डीजे कारोबारी पूरी तरह से बर्बादी के कगार पर खड़े हैं. इस तरह के आदेश उत्तर प्रदेश के लाखों कर्मी अब बेरोजगार हो जाएंगे. कितने लोग कर्ज लेकर डीजे का कारोबार किया है. अब वह बर्बाद हो जाएंगे. बहुत ऐसे लोग हैं जो खेत और जमीन बेचकर डीजे साउंड सिस्टम का कारोबार किया है. अब वह क्या करेंगे.

लोगों के पक्ष में नहीं है आदेश-
स्थानीय निवासी शिव कुमार बताते हैं कि 20 नवंबर को उनके बेटे की शादी है. इसलिए उन्होंने डीजे बुक कराया था और एडवांस भी जमा कर दिया हैं, लेकिन कोर्ट के आदेश से अब शादी में डीजे नहीं बजेगा. हाईकोर्ट का आदेश लोगों के पक्ष में नहीं है. हिन्दू परंपरा में शादी के शुभ अवसर पर धूमधाम से नाच-गाना होता है, लेकिन अब कोर्ट के आदेश होने से शादी में डीजे नहीं बजेंगे. इस तरह फैसले लोगों पक्ष में नहीं है.


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए यह आदेश दिया है. अब पूरे उत्तर प्रदेश में डीजे नहीं बजेंगे. डीजे पूरी तरह बैन कर दिया गया है. अगर कोई भी डीजे बजाता है तो उसे पांच साल की सजा और एक लाख रुपया जुर्माना लिया जाएगा.
-सुनील चौधरी, अधिवक्ता, इलाहाबाद हाईकोर्ट

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