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टीवी और सोशल मीडिया देखकर जुर्म की तरफ बढ़ रहे हैं बच्चे, मनोचिकित्सक ने बताए ये उपाय - prayagraj latest news

प्रयागराज जिले के कुछ दिन पहले पुलिस ने कान्वेंट स्कूलों के छात्रों को बमबाजी करने के आरोप में पकड़ा था. इसके बाद पुलिस ने अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों पर निगरानी रखें साथ ही उनके सोशल मीडिया अकाउंट को भी समय-समय पर चेक करते रहें. इस मामले में मनोचिकित्सक डॉक्टर राकेश पासवान का क्या कहना है, पढ़िए पूरी खबर...

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मनोचिकित्सक डॉक्टर राकेश पासवान

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Published : Jul 28, 2022, 8:04 PM IST

प्रयागराजःस्कूल जाने वाले मासूम बच्चे टीवी और सोशल मीडिया की वजह से अपराध की दुनिया की तरफ आकर्षित हो रहे हैं. यही वजह है कि स्कूल जाने वाले छात्र अब ग्रुप बनाकर बमबाजी तक करने लगे हैं. ऐसी घटनाओं को देखकर पुलिस ने अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों की निगरानी करें और उनके सोशल मीडिया अकाउंट की भी निगरानी करते रहें. जिससे बच्चों को गलत रास्ते की तरफ जाने से रोका जा सके. क्राइम की तरफ बढ़ रहे बच्चों के विषय में प्रयागराज के मनोचिकित्सक डॉक्टर राकेश पासवान का कहना है कि सोशल मीडिया और टीवी पर अपराधियों के बढ़ते महिमा मंडन को देखकर बच्चे जुर्म की दुनिया की तरफ आकर्षित हो रहे हैं.

मनोचिकित्सक डॉक्टर राकेश पासवान

बता दें, कि प्रयागराज पुलिस ने हाल ही में शहर के नामी कान्वेंट स्कूलों के छात्रों को बमबाजी करने के आरोप में पकड़ा था. ये लोग सोशल मीडिया में ग्रुप बनाकर वर्चस्व के लिए मारपीट से लेकर बमबाजी तक करते थे. इन बच्चों में बढ़ती अपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए स्कूल से लेकर पुलिस और अभिभावक तक में जागरूकता लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

टीवी और सोशल मीडिया पर किया जा रहा है अपराधियों का महिमा मंडन
स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र जब से बमबाजी करने के आरोप में पकड़े गए हैं. तब से उन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है. वहीं, मनोचिकित्सक डॉक्टर राकेश पासवान ने बच्चों में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों के लिए टीवी और सोशल मीडिया को काफी हद तक जिम्मेदार बताया है. उनका कहना है कि आज कल जिस तरह से टीवी और सोशल मीडिया पर असलहों और अपराधियों का महिमा मंडन किया जा रहा है. उसको देखकर बच्चों के कोमल मन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है.

पढ़ेंः कान्वेंट स्कूल के छात्र वर्चस्व के लिए गैंग बनाकर करते थे बमबाजी

जुर्म की दुनिया को ग्लैमरस समझकर बच्चे होते हैं आकर्षित
डॉक्टर राकेश पासवान ने बताया कि टीवी सोशल मीडिया में आने वाले वेब सीरीज सिनेमा में जिस तरह से अपराधियों पर फोकस करते हुए उनका वर्चस्व और हनक दिखाया जाती है, उसको देखकर छोटे बच्चे प्रभावित होते हैं. इसी बीच आपराधिक किस्म के लोगों के संपर्क में आते ही बच्चे उनसे जुड़ जाते हैं. बच्चे अपने साथ के लड़कों को उसी ग्रुप में जोड़कर आगे काम करने लगते हैं. मनोचिकित्सक का कहना है कि स्कूल जाने वाले बच्चों का मन कोमल होता है. वे जो कुछ टीवी और सोशल मीडिया में देखते हैं उससे प्रभावित होते हैं. यही वजह है कि बच्चे जुर्म की दुनिया को भी ग्लैमरस समझ कर उस तरफ आकर्षित हो जाते हैं.

माता-पिता बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट पर रखे निगरानी
आईजी राकेश सिंह और एसएसपी शैलेश पांडेय का कहना है कि स्कूल जाने वाले बच्चों की निगरानी करना जरूरी है. माता पिता को भी देखना चाहिए कि उनका बच्चा स्कूल कब जाता है, कब आता है, उसके दोस्त कौन-कौन हैं, वे कहां-कहां जाते हैं इन बातों की जानकारी अभिभावकों को जरूर रखना चाहिए. साथ ही स्कूल के टीचर भी छात्रों की गतिविधियों पर नजर रखे. साथ ही माता-पिता छात्रों के सोशल मीडिया अकाउंट और ग्रुप की भी समय समय निगरानी करते रहें.

एसएसपी शैलेश पांडेय ने जनता से अपील करते हुए कहा कि जिन भी घरों के बच्चे शहर के इन बड़े कान्वेंट स्कूलो में जाते हैं उन बच्चों के अभिभावकों अपने बच्चों की सोशल मीडया एक्टिविटी पर नजर बनाए रखें. उनके नाबालिग बच्चे सोशल मीडिया में किन ग्रुप्स में जुड़े हुए हैं. कौन-कौन सी एक्टिविटी कर रहे हैं. स्कूल के समय के बाद कहां और किसके साथ जाते-आते हैं. इसके अलावा बच्चे कहीं स्कूल से क्लास कट करके कहीं और तो नहीं जा रहे हैं. इन बातों की सख्ती से निगरानी करने की जरूरत है.

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