प्रयागराज: जिले में हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने सोमवार को कार्यकारणी की मीटिंग के बाद सोशल डिस्टेंडिंग के साथ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान अधिवक्ताओं ने कहा कि किसी भी हाल में अधिकरण वहीं होगा, जहां उच्च न्यायालय की प्रधानपीठ होगी. अधिवक्ताओं ने कहा कि सरकार अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए अधिकरण की स्थापना करना चाहती है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अधिकरण बनाकर 226 के दायरे को कम करना चाहती है.
प्रयागराज में हाइकोर्ट अधिकरण बनाने की मांग, अधिवक्ताओं का प्रदर्शन - उच्च न्यायालय प्रयागराज
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने सोमवार को कार्यकारणी की मीटिंग के बाद प्रदर्शन किया. अधिवक्ताओं ने कहा कि किसी भी हाल में अधिकरण वहीं होगा, जहां उच्च न्यायालय की प्रधानपीठ होगी.
वकीलों ने हाईकोर्ट में की नारेबाजी
प्रयागराज में हाईकोर्ट के अधिवक्ता अब आर-पार के मूड में है. बुधवार को वकीलों ने हाईकोर्ट में नारेबाजी कर अपना विरोध जताया. इतना ही नहीं अधिवक्ताओं ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए 226 का जुरस्डिक्शन है कि हर सामान्य व्यक्ति न्याय पाने के लिए आता है. इस दौरान उसके सामने कोई रोड़ा नहीं होता और वह सीधा हाईकोर्ट आ जाता है. उन्होंने कहा कि सरकार की ये मंशा है कि अधिकरण बनाकर 226 के दायरे को कम किया जाए और जो ब्यूरोक्रेट्स यहां अवमानना में आते हैं उनको आना न पड़े. यानी सरकार अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए अधिकरण की स्थापना करना चाहती है. अगर अधिकरण बनाना उनका पावर है, तो उच्च न्यायालय भी देखेगा कि क्या बनना चाहिए और क्या नहीं बनाना चाहिए.
अधिवक्ताओं की मांग है कि अधिकरण वहीं बनेगा, जहां उच्च न्यायालय की प्रधानपीठ होगी. अगर सरकार इसको संवैधानिक रूप से लागू न करके मनमाने तरीके से करेगी तो इसका पूरे अधिवक्ता मिलकर पुरजोर विरोध करेंगे. इनको प्रयागराज में अधिकरण बनाना ही पड़ेगा. वकीलों ने कहा कि आगे चलकर वह जनहित याचिका भी दायर करेंगे और सड़कों पर भी उतरेंगे.