प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला अधिकारी वाराणसी को निर्देश दिया है कि वह बनारस स्थित गांधी स्मारक निधि द्वारा संचालित गांधियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्टडी के भवन व भूमि के वास्तविक स्वामी का विवाद 2 माह में तय करें. कोर्ट ने कहा कि यदि उक्त जमीन का मालिकाना हक अखिल भारत सर्व सेवा संघ के पास है, तो जमीन उसे वापस की जानी चाहिए. अखिल भारत सर्व सेवा संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने दिया है.
सर्व सेवा संघ ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर अपर जिला जज वाराणसी के उस आदेश को चुनौती दी है. जिसमें उन्होंने गांधी स्मारक निधि द्वारा संचालित गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ स्टडी के विघटन के बाद राज्य सरकार को उक्त संस्था संचालित करने का निर्देश दिया है. साथ ही इस आदेश के क्रम में राज्य सरकार ने संस्था के भवन व भूमि पर कब्जा ले लिया है. याची संस्था का कहना है कि वह पंजीकृत सोसाइटी है. उसने गांधी स्मारक निधि को गांधियन इंस्टिट्यूट ऑफ स्टडी नामक संस्था चलाने के लिए 1963 में जमीन लीज पर दी थी. इसमें यह शर्त थी की यदि संस्था का विघटन किया जाता है तो जमीन याची संस्था अखिल भारत सर्व सेवा संघ को वापस कर दी जाएगी.