प्रयागराज: इस समय विश्व कोरोना जैसी भयानक महामारी से परेशान है. भारत में भी कोरोना का कहर जारी है. ऐसे में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वनस्पति विभाग के प्रोफेसर दिवेन्द्र कुमार चौहान कोरोना महामारी के जंग में हर्बल पौधों की खेती करके लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं.
जानकारी देते इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर. इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दिवेन्द्र कुमार चौहान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि हर्बल पौधों में गिलोय, अश्वगंधा, दालचीनी, मुलेठी, हल्दी, काली मिर्च आदि की मदद से बने काढ़ा से इम्यूनिटी पॉवर बढ़ाने में मददगार है.
'इम्यून पॉवर को ठीक करना जरूरी'
वनस्पति विभाग के प्रोफेसर दिवेन्द्र कुमार चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि इस समय देश कोरोना संक्रमण से परेशान है. ऐसे में अगर लोग अपने आप का ध्यान रखेंगे तो संक्रमण को हम कंट्रोल कर सकेंगे. कोरोना संक्रमण का असर शरीर में न हो, इसके लिए इम्यून पॉवर को ठीक करना जरूरी है. इसलिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय लोगों को जागरूक करने और इम्यून पॉवर को बूस्ट करने के लिए औषधीय हर्बल पौधों की खेती पर जोर दे रहा है. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में हर्बल प्लांट में गिलोय, दालचीनी, अश्वगंधा, मुलेठी, हल्दी, काली मिर्च, साइजन, एलोवेरा और अदरक आदि प्लांट्स को लगाया गया है.
'इम्यून सिस्टम बढ़ाने में गिलोय है मददगार'
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर दिवेन्द्र कुमार चौहान ने बताया कि हर्बल प्लांट में इम्यून सिस्टम को बढ़ाने से सबसे ज्यादा गिलोय महत्वपूर्ण है. अगर मानव शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता ठीक रहेगी तो किसी भी संक्रमण से लड़ने के लिए शरीर की शक्ति कारगर होगी. उन्होंने बताया कि गिलोय प्लांट में कुछ ऐसे बायोमूल होते हैं, जो शरीर के अंदर मेटाबोलिक एक्टिविटी को ठीक करती है और शरीर को इंफेक्शन होने से बचाती है. इसके साथ ही अदरक, एलोवेरा के भी अंदर तरह-तरह के तत्व पाए जाते हैं, जो इम्युनिटी पॉवर को बढ़ाते हैं.
'लोगों को प्लांट के बारे में दे रहे जानकारी'
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दिवेन्द्र कुमार चौहान ने बताया कि ऐसे बहुत औषधीय पौधे हैं, जिनकी खेती हम अपने घर में गमले का इस्तेमाल करके कर सकते हैं. विश्वविद्यालय में शहर के बहुत से लोग आते हैं, जो हर्बल प्लांट की जानकारी और लगाने के बाद उनकी किस तरह देखभाल किया जाए, इसके बारे में जानकारी लेते हैं.
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प्रोफेसर दिवेन्द्र कुमार चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि जब से कोरोना संक्रमण भारत देश में आया हैं, तब से लेकर अब तक लगातार विश्वविद्यालय में लगाए गए हर्बल प्लांट से काढ़ा बनाकर विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को एक-एक कप पीने के लिए दिया जाता है. यही नहीं, हर्बल पौधों से बनने वाला काढ़ा और उसके फायदे के बारे में भी विभाग द्वारा लोगों को जानकारी दी जा रही है.