प्रयागराजःमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को प्रदेश भर की जेलों की स्थिति को लेकर बैठक की.साथ ही अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे जेल के नियम कानून में संशोधन करने संबंधी प्रस्ताव बनाने की बात कही है. इससे जेलों में सुधार संबंधी कार्य किये जा सकेंगे. साथ ही उन्होंने जेलों के अंदर की व्यवस्था को लेकर उसमें सुधार किए जाने के संबंध में जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.जेलों को लेकर सीएम के इस निर्देश के बाद प्रदेश भर की जेलों में बंद हजारों बंदियों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है.
उत्तर प्रदेश की कई जेलों में क्षमता से अधिक बंदी बंद है.जेलों में क्षमता से ज्यादा बंदी बंद होने की वजह से जेलों में बंदियों को कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. वहीं, जेलों की सुरक्षा को लेकर भी समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लखनऊ में सूबे की जेलों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए अफसरों लेकर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की थी. समीक्षा बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने जेलों को सुधार गृह के रूप में स्थापित करने और प्रदेश के सालों पुराने प्रिजन एक्ट में संशोधन करने का निर्देश दिया है.
संशोधन से बंदियों को मिलेगी राहत
अंग्रेजो के समय में बनाये गए जेल अधिनियम में अब योगी सरकार संशोधन करने की तैयारी कर चुकी है. अंग्रेजों ने अपनी हुकूमत के समय जो कानून बनाए थे, अब इस कानून में कई ऐसी बातें हैं जो वर्तमान समय में प्रासंगिक नहीं है. प्रिजन एक्ट 1894 का मकसद है कि अपराधियों को जेलों में अनुशासित ढंग से सख्ती के साथ जेल में रखा जाए लेकिन मौजूदा समय में जेलों में बंद बंदियों के जीवन स्तर में सुधार और उनके पुनर्वासन पर बल दिया जा रहा है.यही वजह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने जेलों को सुधार गृह के रूप में स्थापित करने के साथ ही संशोधित प्रिजन एक्ट बनाने का निर्देश दिया है.