प्रयागराज/वाराणसी(ईटीवी भारत डेस्क) :भगवान शिव का महीना कहे जाने वाले सावन माह की 14 जुलाई से शुरूआत हो गई है. सावन माह शुरू होते ही शिव भक्त अपने आराध्य की उपासन करने के लिए निकलने लगे हैं. हर-हर महादेव, जय शिव-शंभू, हर-हर गंगे, ओम नम: शिवाय का उद्घोष सावन माह के पहले सोमवार होने की की बानगी देने लगता हैं. इस सावन माह में 18 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है. हिंदू मान्यताओं में सावन माह के पहले सोमवार का खास महत्व होने के कारण इस दिन शिव भक्त अपने आराध्य की उपासना करने के लिए तीर्थ स्थलों की तरफ निकलते हैं. इस दिन के लिए यूपी के प्रसिद्ध तीर्थ स्थान काशी, प्रयागराज सहित प्रदेश के तमाम स्थानों पर पुलिस और जिला प्रशासन पूरी तैयारी कर ली है.
प्रयागराज में जिला प्रशासन की तैयारी पूरी
सावन के पहले सोमवार को प्रयागराज से बड़ी संख्या में शिवभक्त कावड़िए गंगाजल ले जाकर बाबा विश्वनाथ व आस-पास के शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं. अवसर पर बड़ी संख्या में कावड़ियों का जत्था दशाश्वमेघ घाट पर जल भरने के लिए जुटता है. प्रयागराज के दशाश्वमेघ घाट पर जल भरने के बाद कावड़िए गंगा स्नान करके जल लेकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए जाते हैं. संगम और दशाश्वमेघ घाट से कावड़ में जल भरकर शिव भक्त वाराणसी के लिए पैदल यात्रा पर निकलते हैं.
इसके अलावा बहुत से कावड़िए प्रयागराज के पड़िला महादेव मंदिर, मनकामेश्वर महादेव मंदिर, सोमेश्वर महादेव, सुजावन महादेव मंदिरों में जलाभिषेक करने जाते हैं. इन मंदिरों में जलाभिषेक करने जाने वाले कावड़िए भी संगम और आस-पास के घाटों से जल भरने के लिए आते हैं. इसके साथ ही आस-पास के जिलों के शिवभक्त भी संगम और आस-पास के घाटों से जल भरने के लिए आते हैं. सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को है. सावन के पहले सोमवार को लेकर प्रयागराज जिला प्रशासन ने पूरी तैयारियां कर लीं हैं. घाटों पर साफ-सफाई के अलावा कांवड़ियों के आने-जाने वाले रास्ते को भी दुरुस्त करा दिया गया है.