प्रयागराजःजनपद में प्रयागराजजंक्शन को विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन बनाये जाने की तैयारी चल रही है. जिसके लिए चार साल में 859 करोड़ रुपये की लागत से जंक्शनों का पुनर्विकास कार्य पूरा किया जाएगा. इस दौरान स्टेशनों को सिटी सेंटर के रूप में विकसित कर उसके अंदर आने जाने के अलावा रुकने और बैठने के लिए भी बेहतरीन व्यवस्था की जाएगी. प्लेटफॉर्मों पर पहुँचने के लिए एस्केलेटर वाली स्वचालित सीढ़ियों के साथ ही लिफ्ट का भी इंतजाम किया जाएगा. इतना ही नहीं रेलवे स्टेशन से लेकर प्लेटफार्म तक पर मुसाफिरों की सुविधा के लिए तरह-तरह की सुविधाएं देने की व्यवस्था भी की जाएगी.
प्रयागराज जंक्शन विश्वस्तरीय होगाः जंक्शनों पर यात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाने के बाद प्लेटफार्म को भी विकसित किया जाएगा. जिससे जंक्शन पर ट्रेन पकड़ने के लिए यात्रियों को समस्या न हो. सभी प्लेटफॉर्मों तक पहुंचने के लिए एस्केलेटर से स्वचालित सीढ़ियों के साथ ही लिफ्ट भी लगवायी जाएगी. रेलवे स्टेशनों पर वेटिंग रूम को भी अत्याधुनिक सुविधाओं से बनाया जाएगा. जिससे आने वाले दिनों में वेटिंग रूम में बैठकर ट्रेन का इंतजार आसानी से किया जा सके.
प्रयागराज जंक्शन अब सिटी सेंटर की तरह होगा विकसित, रेलवे ने की तैयारी
प्रयागराज जंक्शन को विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन बनाये जाने की तैयारी चल रही है. जिसके लिए 859 करोड़ रुपये की लागत से जंक्शनों का पुनर्विकास कार्य पूरा किया जा रहा है. उत्तर मध्य रेलवे के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी डॉ अमित मालवीय का कहना है कि चार साल में रेलवे स्टेशनों को विकसित कर दिया जाएगा.
2025 कुम्भ तक तैयार करने की योजनाःउत्तर मध्य रेलवे इलाहाबाद द्वारा जंक्शन को चार साल में विकास कार्य करवाया जाना है. लेकिन इसके बावजूद स्टेशन से जुड़े सभी विकास कार्यों को इस तरह से प्लान बनाकर तैयार किया जा रहा है. कि 2025 में शहर में लगने वाले कुम्भ मेले में यात्रियों और श्रद्धालुओं को मेले के दौरान दिक्कतों का सामना न करना पड़े. यात्रियों को ट्रेन पकड़ने एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म तक जाने में दिक्कतों का सामना न करना पड़े. वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी डॉक्टर अमित मालवीय के अनुसार प्रयागराज जंक्शन के पुनर्विकास के 859 करोड़ रुपये की योजना बनायी गयी है. जिसे चार साल में अलग-अलग चरणों में जैसे रेलवे स्टेशन, प्लेटफॉर्म, आउटर, वेटिंग रूम के साथ पूरे जंक्शन परिसर के कायाकल्प की तैयारी है. कुम्भ मेले को देखते हुए इस तरह से कार्य करने की योजना है. जिससे कि मेले के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक यात्री सुविधाओं का लाभ दिया जा सके.
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