प्रयागराज :जिले में कृषि विभाग की तरफ से विराट किसान सम्मान मेले का आयोजन किया जा रहा है. यह कार्यक्रम 9 दिनाें तक चलेगा. मेले में 50 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं. इनके माध्यम से किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है. किसानाें काे जैविक ऑर्गेनिक खेती के जरिए आमदनी बढ़ाने के तरीकाें से भी अवगत कराया जा रहा है.
Prayagraj News : मेले में लगे 50 से अधिक स्टॉल, किसानाें काे बता रहे आमदनी बढ़ाने के उपाय - प्रयागराज कृषि विभाग
प्रयागराज में कृषि विभाग की तरफ से 9 दिवसीय किसान मेले का आयाेजन किया जा रहा है. इसमें कई स्टॉल लगाए गए हैं. इनमें किसानाें काे जागरूक किया जा रहा है.
उप निदेशक कृषि विनोद कुमार ने बताया कि किसान मेले के जरिए किसानों को ऑर्गेनिक खेती के लाभ और रासायनिक खेती के नुकसान के बारे में बताया जा रहा है. जिससे ज्यादा से ज्यादा किसान रासायनिक खाद और कीटनाशक का इस्तेमाल न करके जैविक खेती को बढ़ावा दें. नौ दिनी विराट किसान मेला में खेती किसानी से जुड़े 50 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं. यहां पर कृषि से जुड़े संयंत्र और उत्पादों की जानकारी दी जा रही है. इसके साथ ही किसानों को पारपंरिक तरीके से खेती से करने के बारे में बताया जा रहा है. किसानों को गौपालन के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है. गौपालन के जरिए किसान गोबर की खाद को आसानी से प्राप्त कर लेते हैं. इसकेइ स्तेमाल से भूमि, जल एवं वातावरण शुद्ध होगा और मनुष्य व दूसरे जीव जंतु भी सुरक्षित एवं स्वस्थ रहेंगे.
रासायनिक खादों के नुकसान से करा रहे अवगत :किसान मेले में आने वाले किसानों को रासायनिक खादों के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जा रहा है. रसायन के ज्यादा इस्तेमाल की वजह से खेत और उसकी मिट्टी पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. भूमि की उर्वरा शक्ति घट रही है, खेत बंजर हो रहे हैं. इस वजह से किसानों को रासायनिक खेती की जगह ऑर्गेनिक व जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
नमामि गंगे योजना की दी जा रही जानकारी :कृषि विभाग की तरफ से नमामि गंगे योजना के तहत यह किसान मेला लगाया गया है. ब्लॉक कोऑर्डिनेटर राम कैलाश तैनात हैं. वह किसानों को जानकारी दे रहे हैं. वह किसानों को जैविक खेती करने के तरीके के साथ ही उसके लाभ के बारे में भी बता रहे हैं. राम कैलाश ने बताया कि वो किसानों को बीजामृत, संजीवक, जीवामृत, पंचगव्य, नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र ,आग्नेयास्त्र , अमृत पानी, नाडेप कंपोस्ट, वर्मी कंपोस्ट बनाने की विधि भी बताई जा रही है.
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