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जर्जर भवन में नगर निगम का दफ्तर, शहर के जर्जर भवनों को भेज रहा नोटिस

प्रयागराज नगर निगम के मुख्यालय का भवन 100 साल से ज्यादा पुराना है. इस भवन को जर्जर घोषित किया जा चुका है. इसके बाद भी इसमें कामकाज किया जा रहा है.

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प्रयागराज

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Published : Sep 17, 2022, 4:44 PM IST

Updated : Sep 17, 2022, 4:56 PM IST

प्रयागराज:जिले के नगर निगम मुख्यालय की इमारत जर्जर घोषित(dilapidated building of Municipal Corporation) हो चुकी है. हालांकि इसके बावजूद नगर निगम का सारा कामकाज इसी इमारत से चल रहा है. इसी के साथ पिछले दिनों मुट्ठीगंज में जर्जर मकान गिरने(dilapidated house collapsed in fistganj) से चार लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद से नगर निगम ने शहर के चिन्हित 170 जर्जर मकानों को गिराने के लिए नोटिस जारी कर दिया है. इसके जरिये कहा गया है कि हफ्ते भर में मरम्मत न करवाने या जवाब न देने पर जर्जर मकानों को गिराने की कार्रवाई की जाएगी.


नगर निगम शहर के जर्जर भवनों को गिराने के लिए उनके मालिकों को नोटिस दे रहा है. जबकि नगर निगम मुख्यालय की बिल्डिंग जो सौ साल पहले बनी थी. उस बिल्डिंग को एमएनएनआईटी के एक्सपर्ट्स की कमेटी ने निरीक्षण के बाद जर्जर घोषित करते हुए गिराने की सलाह दी थी. लेकिन, नगर निगम ने उस रिपोर्ट को मानने की जगह पुरातत्व विभाग से दूसरी बार सर्वे करवाया. इसमें पुरातत्व विभाग की रिपार्ट में भवन को ऐतिहासिक बताते हुए न गिराने की बात कही थी. लेकिन, इसके साथ ही नगर निगम के इमारत की मरम्मत और ज्यादा जर्जर इलाके को गिराने की बात भी उसी रिपोर्ट में कही गई थी. लेकिन, उसके बावजूद नगर निगम का पूरा कामकाज उसी सौ साल पुरानी जर्जर इमारत से चलाया जा रहा है. हालांकि अब नगर निगम इसी परिसर में कुछ नए निर्माण करवाने के साथ ही मरम्मत का काम भी करवा रहा है.

जर्जर भवन में चल रहा नगर निगम,
नेता सदन कांग्रेस पार्षद दल:नगर निगम के पार्षद नेता सदन दल मुकुंद तिवारी ने इस मामले पर नगर निगम के कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि नगर निगम शहर भर के जर्जर भवनों को गिराने की नोटिस दे रहा है. जबकि डेढ़ साल पहले नगर निगम मुख्यालय की बिल्डिंग जर्जर घोषित हो चुकी है. तो नगर निगम प्रशासन अपनी इमारत को गिराने का काम क्यों नहीं कर रहा है. अपनी जर्जर बिल्डिंग को बचाने के लिए नगर निगम ने दूसरी बार सर्वे तक करवा लिया. लेकिन, जनता की जर्जर बिल्डिंग को गिराने के लिए अब निगम तेजी से अभियान चलाने में जुट गया है. जबकि इसकी शुरुआत नगर निगम से होनी चाहिए थी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब से ये इमारत जर्जर घोषित हुई है. तब से उस बिल्डिंग में काम के लिए आने जाने और सदन की बैठक में बैठने के दौरान भी उन्हें डर लगता है. सौ साल से ज्यादा पुराना है नगर निगम का भवन:महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी का कहना है कि निगम का भवन सौ साल से ज्यादा पुराना है.महापौर मानती भी हैं कि निगम की इमारत सौ साल से ज्यादा पुरानी है.जिसको एमएनएनआईटी के एक्सपर्ट ने जर्जर घोषित कर दिया था लेकिन साथ ही उनका यह भी कहना है कि पुरातत्व विभाग की टीम ने अपने सर्वे में इस भवन को ऐतिहासिक बताते हुए गिराने से मना कर दिया और उसके मरम्मत की सलाह दी थी.साथ ही ज्यादा जर्जर हिस्सों को गिराने की बात कही थी.जिसके बाद से नगर निगम में मरम्मत का कार्य करवाया जा रहा है.साथ ही नए निर्माण करवाये जा रहे हैं जहां पर कार्यालय शिफ्ट करवाये जाएंगे.

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महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी का कहना है कि शहर में 170 जर्जर मकान चिन्हित हैं. जिनको गिराने के लिए नोटिस दिया जा रहा है. इसके साथ ही जो मकान मरम्मत से सुधर सकते हैं उनकी मरम्मत का भी निर्देश दिया जा रहा है. महापौर का यह भी कहना है कि जर्जर भवन के गिरने से उसमें दबकर लोगों के जानमाल का नुकसान न हो इसी वजह से जर्जर मकानों को गिराने के लिए नोटिस भेजने की कार्यवाई की जा रही है.

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Last Updated : Sep 17, 2022, 4:56 PM IST

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