क्रिप्टो करेंसी में बदलकर पैसे विदेश भेजने वाला जालसाज पकड़ा गया प्रयागराज: पुलिस ने ऑनलाइन फर्जी गेमिंग ऐप के जरिए करोड़ों की काली कमाई करने वाले शातिर युवक को गिरफ्तार किया है. युवक अवैध तरीके से गेमिंग के जरिए हुई करोड़ों रुपये की कमाई को क्रिप्टो करेंसी में बदलकर विदेश में बैठे आकाओं को भेजता था. पुलिस के मुताबिक, शातिर 6 महीने से इस धंधे में लगा हुआ था. जबकि, पुलिस ने उसके दस दिन के बैंक के लेनदेन में पौने चार करोड़ रुपये विदेश भेजने की जानकारी जुटाई है.
पुलिस पकड़े गए युवक को कस्टडी रिमांड में लेकर उससे अन्य जानकारी हासिल करेगी. इसके साथ ही ईडी और एसटीएफ को भी मामले की जानकारी दी जाएगी, जिससे विदेश तक जुड़े इस नेटवर्क का खुलासा किया जा सके. पैसों के लेनदेन में इस गैंग ने डार्कनेट का भी इस्तेमाल किया है. जिस वजह से पुलिस के लिए गिरोह के सरगना तक पहुंचना आसान नहीं है.
प्रयागराज के मेजा तहसील निवासी कृष्ण अवतार सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. यह युवक ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए कमाए गए करोड़ों रुपये को डार्कनेट की मदद से बनी अज्ञात आईडी पर भेजता था. टैक्स चोरी कर जालसाजी करते हुए अवैध तरीके से फर्जी ऑनलाइन गेमिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. आरोपी ने बताया कि वो अपने परिचितों के बैंक खाते में रकम ट्रांसफर करवाता था. इसके बदले उन्हें .7 प्रतिशत कमीशन देता था. इसी तरह से वह करीब सौ खाते का इस्तेमाल करके पैसे विदेश में बैठे लोगों तक क्रिप्टो करेंसी में कन्वर्ट करके भेज चुका है. इस काम के बदले कृष्ण अवतार सिंह को मोटा कमीशन मिलता था. इसके चलते छह महीने में ही वह करोड़पति बन गया.
आरोपी ने 6 महीने में प्लॉट और लग्जरी गाड़ी खरीदी
मेजा निवासी कृष्ण अवतार सिंह ने महज 6 महीने तक इस काले कारोबार को करके कई करोड़ रुपये कमा लिए. उसने इसी काली कमाई से लखनऊ में प्लॉट खरीदा और उसके बाद हाल ही में 15 लाख की लग्जरी एक्सयूवी खरीदी. इसके साथ ही मेजा के जिस घर में वह रहता था, उसकी भी मरम्मत करवाकर सजावट करवाई. अचानक से 6 महीने में उसकी जिंदगी में आए बदलाव और बैंकों के खाते के बदले कमीशन देने की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने उसे पकड़ा तो पूरे मामले का खुलासा हुआ.
पुलिस को कई अहम जानकारी अभी है जुटानी
कृष्ण अवतार सिंह को पकड़ने के बाद पुलिस को जानकारी मिली कि वह अवैध तरीके से करोड़ों रुपये को क्रिप्टो करेंसी में बदलकर विदेश भेजने का काम करता है. जार्जटाउन पुलिस ने युवक के खाते की जांच की तो उन्हें चौकाने वाली जानकारी मिली. उसके खाते की जांच से पता चला कि सिर्फ दस दिन में ही उसने 3 करोड़ 74 लाख 83 हजार रुपये अवैध तरीके से क्रिप्टो करेंसी में बदलकर विदेश भेजे. उसके द्वारा क्रिप्टो करेंसी भेजने में डार्कनेट का इस्तेमाल किया गया है. इस वजह से उसने पैसे किसके पास भेजे हैं, अभी तक कुल कितना पैसा क्रिप्टो करेंसी में बदलकर विदेश भेजा गया है, इसकी पुख्ता जानकारी पुलिस नहीं जुटा पाई है.
पुलिस अभी इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों का भी पता लगाएगी. पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने बताया कि इस गिरोह के तार देश के दूसरे हिस्सों में बैठे लोगों के साथ ही दुबई और दूसरे देश में बैठे लोगों तक फैले हुए हैं. इस गैंग में साइबर एक्सपर्ट भी जुड़े हुए हैं, जो दुनिया के किसी कोने से बैठकर इस पूरे नेटवर्क को चला सकते हैं. यही वजह है कि पुलिस अभी इस गैंग से जुड़ी कई तरह की जानकारी जुटाने में लगी हुई है. ऑनलाइन गेमिंग के जरिए पैसों के अवैध लेनदेन का पूरी तरह से खुलासा करने के लिए पुलिस ईडी के साथ ही अन्य एजेंसियों की भी मदद लेगी. पुलिस इस जानकारी को उनसे भी साझा करेगी.
सिम के जरिए पुलिस पहुंचेगी मास्टरमाइंड तक
पुलिस को कृष्ण अवतार के पास से मैक बुक, पांच मोबाइल फोन, फर्जी आधार कार्ड और कैश बरामद हुआ है. इसके साथ ही उसके पास से कई लोगों के बैंक खाते से जुड़ी जानकारियां भी मिली हैं. वहीं, आरोपी के पास से एक सिम मिला है, जो उसके पास भेजा गया था. उसी सिम के जरिए पुलिस गिरोह में शामिल अन्य लोगों का पता लगाएगी. पुलिस के मुताबिक, किसी जय नाम के व्यक्ति के पास ही यह रकम भेजता था. अब पुलिस उसी जय तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. क्योंकि, कृष्ण अवतार के ऊपर की कड़ी जय ही है. जय कौन है, कहां रहता है. उसी की जानकारी जुटाने के बाद पुलिस इस केस में आगे कुछ कर पाएगी.
जल्द अमीर बनने के लिए जुड़ा इस अवैध कारोबार से
पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने बताया कि कृष्ण अवतार सिंह बीएससी और बीसीए करने के बाद ऑनलाइन ट्रेडिंग का काम करने लगा. लेकिन, उसमें ज्यादा कमाई न होने की वजह से वह निराश रहता था. इसके बाद सोशल साइट्स के जरिए ही उसकी मुलाकात जय नाम के व्यक्ति से हुई. इसके जरिए उसने पहले अपना करेंट बैंक अकाउंट किराए पर दे दिया. इसके बदले उसे लेनदेन का एक प्रतिशत कमीशन मिला. इसके बाद वह जय से जुड़कर यही काम करने लगा.
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वह दूसरों के खाते .7 प्रतिशत कमीशन देने के नाम पर लेकर उसमें रकम का लेनदेन करता था. बदले में मिले 1 प्रतिशत कमीशन में .3 प्रतिशत खुद रखता था और .7 प्रतिशत खाताधारक को देता था. वहीं, अचानक से किसी खाते में दिनभर लेनदेन होता देखकर बैंक उस खाते को फ्रीज करके खाताधारक से जवाब मांगते तो यह लोग उस खाते का इस्तेमाल बंद करके दूसरे खाते से लेनदेन करने लगते थे. इसी वजह से उन्हें कई लोगों के खाते कमीशन के बदले किराए पर लेना पड़ता था. शायद यह भी एक वजह है कि करोड़ों का टैक्स चोरी करके फर्जी ऑनलाइन गेमिंग वाले इस खेल का खुलासा पुलिस कर पाई. लेकिन, अभी पुलिस को इस केस से जुड़े कई राज जानने बाकी हैं, जिनका पता पुलिस की टीमें करने में जुटी हुई हैं. पुलिस कमिश्नर ने बताया कि मामले से जुड़ी कई जानकरियां अभी जुटाई जा रही हैं. सभी जानकरियां मिलने के बाद बड़ा खुलासा हो सकता है.