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प्रयागराज में बड़े हनुमान मंदिर के कपाट बंद, परिसर में दिखा सन्नाटा - महंत नरेंद्र गिरि की सुसाइड

प्रयागराज में संगम तट पर स्थित प्रसिद्ध बड़े हनुमान मंदिर आज सूना पड़ा हैं. मंदिर के महंत नरेंद्र गिरि जी महाराज के निधन के कारण मंदिर के परिसर को आज बंद रखा गया है. हमेशा भक्तों की भीड़ से गुलजार रहने वाले इस मंदिर में मंगलवार को काफी भीड़ होती थी, लेकिन आज यहां सन्नाटा पसरा हुआ है.

प्रयागराज में बड़े हनुमान मंदिर के कपाट बंद
प्रयागराज में बड़े हनुमान मंदिर के कपाट बंद

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Published : Sep 21, 2021, 4:56 PM IST

प्रयागराज : त्रिवेणी के तट पर स्थित बड़े हनुमान जी या लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर संगमनगरी प्रयागराज के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. जहां हर मंगलवार और शनिवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ दर्शन के लिए आती है. लेकिन, आज इस मंदिर परिसर में ना तो श्रद्धालुओं की भीड़ है और ना ही जयकारा सुनने को मिल रहा है. मंदिर के महंत नरेंद्र गिरि जी महाराज के निधन के कारण मंदिर के परिसर को आज बंद रखा गया है.

हमेशा भक्तों से गुलजार रहने वाले इस मंदिर के परिसर में आज कोई नहीं दिख रहा है. हर मंगलवार को हजारों की संख्या में लोग यहां दर्शन और पूजा-पाठ के लिए आते थे. पूरा मंदिर परिसर घंटे-घड़ियाल, ढोल-ताशे, हनुमान जी के जयकारों से गुंजायमान रहता था. लेकिन, आज चंद भक्तों के शिवा यहां कोई नहीं दिख रहा. ना तो घंटे घड़ियाल की गूंज है और ना तो जयकारों का शोर. मंदिर के महंत और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों के मौत हो गई थी. जिसके बाद आज मंदिर परिसर को बंद रखा गया है. इसके साथ ही लोगों में डर का माहौल भी देखने को मिल रहा है. जिसकी वजह से मंदिर परिसर और उसके आस-पास के इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है.

प्रयागराज में बड़े हनुमान मंदिर के कपाट बंद

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उधर, दर्शन करने आए श्रद्धालु शिवम मिश्रा का कहना है कि हिंदू समाज के लिए यह एक बहुत बड़ी क्षति हुई है. ऐसा कभी देखने को नहीं मिला की मंदिर परिसर के पास इतना सन्नाटा हो. शिवम ने कहा कि जब भी वह मंगलवार को बड़े हनुमान जी के मंदिर आते थे तो मंहत नरेंद्र गिरि सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करते रहते थे. उनको देखकर एक अलग सुख की अनुभूति होती थी. लेकिन, आज पूरी तरह से सन्नाटा है और हर मंगलवार यहां दर्शन करने वाले भक्त भी बहुत दुखी हैं.

वहीं, माला फूल लगाने वाले मुकेश का कहना है कि, हर मंगलवार को यहां दर्शन के लिए हजारों की भीड़ आती थी, लेकिन आज आज कोई भी यहां नहीं दिख रहा है. सुबह से ही सन्नाटा पसरा हुआ है.

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