प्रयागराज:प्रयागराज हिंसा मामले में मास्टर माइंड जावेद पंप के बाद उसकी बड़ी बेटी आफरीन फातिमा की भूमिका की जांच की जा रही है. पुलिस इस घटना में आफरीन की संलिप्तता की जांच कर रही है, जिसके लिये पुलिस और साइबर एक्सपर्ट्स की टीम जेएनयू की छात्रा रही आफरीन के खिलाफ साक्ष्य तलाश रही है. पुलिस ने घटना के बाद मुख्य साजिशकर्ता के रुप में पहचान करने के साथ ही जावेद पंप को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन इस पूरी जांच पड़ताल के दौरान पुलिस को इस बात के संकेत मिले हैं कि मास्टरमाइंड की बेटी ने पिता की इस साजिश को कामयाब बनाने में मदद की है.
गौरतलब है कि आफरीन फातिमा एएमयू की महिला छात्रसंघ की अध्यक्ष रह चुकी है. इसके साथ ही वो जेएनयू की छात्रा भी रही हैं. वर्तमान में पुलिस आफरीन से पूछताछ के लिए उसका पता लगा रही है, लेकिन घटना के 3 दिन बाद भी पुलिस आफरीन तक नहीं पहुंच सकी है. जबकि आफरीन मीडिया में दिए अपने बयानों में परिवार को फंसाने का आरोप लगा चुकी है.
जेएनयू की छात्रा रह चुकी है आफरीन फातिमा
मास्टरमाइंड की बड़ी बेटी जेएनयू की छात्रा रही है. इसके साथ ही सीएए एनआरसी के आंदोलन में आफरीन ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था. उस आंदोलन को कामयाब बनाने के लिए आफरीन ने भी काफी प्रयास किया था. आफरीन को शाहीनबाग की साजिश के मास्टरमाइंड शरजील इमाम का करीबी भी बताया जाता है. पुलिस ने शुक्रवार को प्रयागराज में हुए उपद्रव बवाल और आगजनी के बाद जावेद पंप को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद पुलिन ने उसके मोबाइल को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल की. इस पड़ताल में पुलिस को जानकारी मिली कि उसके मोबाइल से व्हाट्सएप ग्रुप में भीड़ जुटाने का मैसेज भेजा गया है. इसके साथ ही पुलिस को इस बात के संकेत भी मिले हैं कि बेटी पिता के आंदोलन को कामयाब बनाने के लिये पिता के सोशल मीडिया को प्रमोट करने का काम करती थी. इस बात के संकेत मिलने के बाद पुलिस मास्टरमाइंड की बेटी के खिलाफ साजिश में शामिल होने के साक्ष्य तलाश रही है.
वहीं, पुलिस का ये भी कहना है कि पकड़े गए मास्टरमाइंड के घर को ढ़हाने से पहले घर की तलाशी ली गई. घर के सामानों का बाहर किया गया था. उस दौरान पुलिस को घर के अंदर 312 और 315 बोर के तमंचे और कारतूस बरामद हुए हैं. सिर्फ यही नहीं घर के अंदर से एक बड़ा बांका (चाकू) और एक कागज मिला है. जिस कागज पर न्यायालय के खिलाफ तल्खी भरी आपत्तिजनक टिप्पणी लिखी हुई हैं. इसके लिए पुलिस अलग से कार्रवाई करने की बात कह रही है.
जावेद मोहम्मद कैसे बना जावेद पंप ?
प्रयागराज को हिंसा की आग में जलाने की साजिश का मास्टरमाइंड जावेद मोहम्मद का नाम जावेद पंप क्यों पड़ गया और कैसे वो जावेद पंप के नाम से मशहूर हो गया. दरअसल, सालों पहले जावेद मोहम्मद ने पंप लगाने का कारोबार शुरु किया था. इसके बाद उसने घरों में बोरिंग करने का भी काम शुरु कर दिया. पानी की बोरिंग और पानी के पंप लगाने का कारोबार करने की वजह से जावेद मोहम्मद का नाम जावेद पंप पड़ गया. इस दौरान जावेद ने व्यापार बढ़ाने के साथ ही समाजसेवी बनने के लिये सार्वजनिक कार्यों में शामिल होना शुरु कर दिया. वर्तमान में जावेद पंप वक्फ कब्रिस्तान कमेटी प्रयागराज यूपी का अध्यक्ष है. इसके अलावा वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया यूपी प्रयागराज के जनरल सेक्रेटरी के पद पर है. साथ ही पूर्व चेयरमैन मैनेजमेंट सोसायटी आईईआरटी एवं जमात ए इस्लामी हिंद के शहर नाजिम भी हैं. यही वजह थी कि जावेद जिला प्रशासन द्वारा आयोजित होने वाली हर तरह की पीस कमेटियों की बैठक में बढ़ चढ़कर शिरकत करता था.
अफसरों के साथ जिले में अमन चैन बनाए रखने की योजनाएं बनाता और उसके लिये सलाह देता था, लेकिन जिले के आलाधिकारी भी उसके खतरनाक मंसूबों का भांप नहीं सके, जिसका नतीजा रहा कि शुक्रवार को जिले के अटाला इलाके से लेकर नूरुल्ला रोड तक बेकाबू भीड़ ने उपद्रव के साथ ही आगजनी और जमकर हिंसा की थी, लेकिन जावेद के मास्टरमाइंड होने के सबूत मिलने के बाद पुलिस प्रशासन ने उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए न सिर्फ उसे जेल भेजा. बल्कि करोड़ों की लागत से बने जिस दो मंजिला आलीशान मकान में वो रहता था. उसे जमींदोज भी करवा दिया. जिससे कि कोई भी दूसरा व्यक्ति इस तरह की साजिश रचने से पहले इस सख्त कार्रवाई को याद करेगा.
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