प्रयागराजःबसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या के दो दिन बाद भी प्रयागराज पुलिस खाली हाथ हैं. शुक्रवार की शाम भरे बाजार हुई सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वालों का पुलिस पता नहीं लगा सकी है, लेकिन पुलिस ने बाहुबली अतीक अहमद के घर के बाहर से सफेद रंग की क्रेटा कार बरामद कर उसे थाने लायी है. आशंका जतायी जा रही की ये वही कार है जिसका इस्तेमाल बदमाशों ने वारदात को अंजाम देने के दौरान किया था. वहीं, प्रयागराज में सोशल मीडिया में कुछ तस्वीरें वायरल कर उसमें तीन आरोपियों का नाम लिख दिया गया है. फिलहाल ईटीवी भारत वायरल तस्वीरों की पुष्टि नहीं करता है.
प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र में शुक्रवार की शाम को भरे बाजार बाइक और कार से आए हमलावरों ने राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल पर उनके घर के बाहर हमला बोल दिया था. बदमाशों की ताबड़तोड़ फायरिंग और बमबाजी में उमेश पाल के साथ ही सरकारी गनर संदीप की मौत हो गयी. जबकि उसी घटना में घायल दूसरे पुलिस वाले की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है.
अतीक अहमद के घर के पास से पुलिस ले गयी कार
उमेश पाल हत्याकांड की जांच पड़ताल कर रही पुलिस को शनिवार को सूचना मिली थी कि बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद के घर के पीछे वाले रास्ते पर एक सफेद कार खड़ी हुई है. ये कार उसी तरह की है जैसी हत्याकांड में इस्तेमाल की गयी थी. इसके बाद खुल्दाबाद थाना पुलिस मौके पर पहुंची और कार की छानबीन की.
जब कार का कोई मालिक सामने नहीं आया और न ही आसपास के लोग कार के बारे में कुछ बता सके तो पुलिस ने कार को कब्जे में लिया और क्रेन की मदद से उठवाकर उसको थाने लाया गया. इस दौरान पुलिस की फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर कार की बारीकी से जांच पड़ताल भी की. पुलिस द्वारा कब्जे में ली गई इस कार पर आगे-पीछे कोई नंबर प्लेट नहीं लगा हुआ है.
पुलिस की दस टीम और एसटीएफ की कई युनिट तलाश में जुटी
उमेश पाल हत्याकांड का खुलासा करने के लिए पुलिस की दस टीमों के साथ ही यूपी एसटीएफ की प्रयागराज के साथ ही लखनऊ और दूसरे जिलों की यूनिट भी सक्रिय हो गयी है. प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने शनिवार को ही दावा किया था कि जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया था कि आरोपियों के खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई की जाएगी जो नजीर बनेगी. हालांकि घटना के दो दिन बीतने के बाद भी पुलिस आरोपियों को गिरफ्तारी तो दूर उनका पता भी नहीं लगा सकी है, जिससे पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं.