प्रयागराज : जिले के जमुनापार क्षेत्र की बारा तहसील का पठारी भाग पेयजल की समस्या से हर वर्ष जूझता है. वहीं बारा तहसील के शंकरगढ ब्लाक के 75 ग्राम सभाओं में हमेशा ही मार्च महीने के बाद से पीने के पानी समस्या आपातकाल जैसी स्थिती उत्पन्न कर देती है. जिससे निजात पाने के लिए तहसील से लेकर जिले के आला अधिकारियों तक से समस्या के निस्तारण के लिये गुहार लगाई गई, लेकिन किसी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं हो पाई. जिसके कारण आज शंकरगढ विकास खण्ड के अधिकान्स गांवो के लोग एक बूंद पानी के लिए अपनी जांन जोखिम मे डाल कर जीवन बचाने का प्रयास कर रहे हैं.
प्रयागराज: जिन्दगी बचाने को, जान जोखिम में डालते हैं लोग - bara district
प्रयागराज जिले के जमुनापार की बारा तहसील में हर वर्ष लोग पिने के पानी की समस्या से जूझते हैं. उन्हें रोजमर्रा के उपयोग के लिए पानी की खोज में गहरे कुंए में उतरना पड़ता है. ग्राम के कई लोगों ने तहसील दिवस पर इसके बाबत शिकायत भी की. बावजूद इसके प्रशासन के कानों में जू तक नहीं रेंग रही है.
कोहड़िया ग्राम के पूर्वी पहाड़ी मजरे के कुंए से ग्रामीण अंदर उतरकर लोटे से पीने का पानी निकालते हैं. इसी तरह झंझरा चौबे, हिनौती, नारीबारी, सुरवल सहनी, जमुहरा भाट आदि गांवों में गिरते जलस्तर से हैंडपंपों ने पानी देना ही बन्द कर दिया है. पूर्व में भी गर्मियों में कोहड़िया के दत्ता का पुरवा, सुरवल-सहनी आदि में टैंकर से पेयजल आपूर्ति की जाती थी. इस बाबत कोहड़िया के ग्रामीण राजनारायण, रामनाथ, अनिल सहित दर्जनों लोगों ने उपजिलाधिकारी बारा को शिकायती पत्र देकर तत्काल समस्या निवारण की मांग की है.
वहीं कोहड़िया के ग्राम प्रधान रामभवन सिंह, झंझरा के बालेन्द्र चतुर्वेदी ने बताया कि समस्या निवारण हेतु तहसील प्रशासन को सूचित किया गया है. प्रशासन की तरफ से ग्रामसभा में नई बोरिंग का कोई बजट नहीं है इसलिए कुओं की गहराई बढ़ाने के लिए शीघ्र ही ब्लास्ट कराया जाएगा. पर यह सब केवल पहले की तरह आश्वासन मात्र था.