प्रयागराज: संगमनगरी में इन दिनों गंगा में बाढ़ का पानी बढ़ जाने के कारण दूर दराज से आने वाले लोग शवों को सड़क किनारे जलाने के लिए मजबूर हैं. शवों को जलाने आए लोगों का कहना है कि केन और बेतवा नदी से पानी छोड़ा गया है, जिस कारण से गंगा यमुना उफनाई हैं. इतना ही नहीं घाट किनारे शवों को जलाने में लगने वाले सामान को लेकर घाटिए इधर से उधर भाग रहे हैं. बता दें कि यहां के घाटों पर जिले से ही नहीं बल्कि अन्य जिलों और प्रदेशों से लोग अंतिम संस्कार करने आते हैं.
प्रयागराज में डूबे घाट तो सड़कों पर अंतिम संस्कार करने पर मजबूर हुए लोग - water level increased in prayagraj
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बाढ़ की वजह से गंगा में पानी बढ़ जाने के कारण लोग शवों को सड़क पर या फिर सड़क किनारे जला रहे हैं. लोगों का कहना है कि गंगा में पानी बढ़ने का कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
महत्वपूर्णं बातें-
- आजकल गंगा-यमुना उफान पर हैं और पानी घाटों तक पहुंच गया है.
- मृतकों के परिजन शवों को सड़क पर या सड़क किनारे ही जला रहे हैं.
शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि अगर प्रयागराज में अंतिम संस्कार और श्राद्ध तर्पण किया जाता है तो सीधा मोक्ष की प्राप्ति होती है. यही कामना लिए लोग मृत्यु के बाद अपनों का अंतिम संस्कार और श्राद्व यहीं करना चाहते हैं, लेकिन इन दिनों गंगा यमुना उफान पर है. जिधर देखो पानी ही पानी नजर आ रहा है. यहां पर शहर और अन्य जिलों से आने वाले शवों को जलाने में लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ के पानी में सभी घाट डूब चुके हैं, घाटिए अपना सामान लेकर ऊपर की तरफ भाग रहे हैं. बता दें कि बाढ़ का पानी सड़कों तक पहुंच रहा है. अंतिम संस्कार के लिए लोग शवों को या तो सड़क पर या फिर के सड़क किनारे ही जला दे रहे हैं. अंतिम संस्कार करने वालों का कहना है कि शवों को जलाने से पहले नहलाया जाता है, जिसमें बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं इस बारे में घाटियों का कहना है अगर इसी तरह पानी बढ़ा तो शवों को सड़क पार करके ऊपर जलाया जाएगा.