प्रयागराज : प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर धाम में लगने वाले 5 दिवसीय राष्ट्रीय रामायण मेला का सोमवार से शुभारंभ हो गया. इस 32 वें राष्ट्रीय मेले का शुभारंभ पश्चिम बंगाल के पूर्व गवर्नर केसरीनाथ त्रिपाठी और स्वामी धराचार्य महाराज ने किया. मेला का शुभारंभ गंगा तट पर पूजन और गंगा आरती के साथ किया गया. इसके साथ ही माता शांता और श्रृंगी ऋषि की पूजा-अर्चना की गई. इस मौके पर मुख्य अतिथि पश्चिम बंगाल के पूर्व गवर्नर पंडित केशरीनाथ त्रिपाठी ने कहा है कि राष्ट्रीय रामायण मेले का पवित्र उद्देश्य यही है कि लोग भगवान राम के आदर्शों और गुणों को अपने जीवन में उतारें.
पाण्डुलिपि अधिकारी प्रभारी क्षेत्रीय अभिलेखागार गुलाम सरवर ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया है कि आजादी का अमृत महोत्सव एवं चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव आयोजन की श्रृंखला में राजकीय पाण्डुलिपि पुस्तकालय संस्कृति विभाग द्वारा राष्ट्रीय रामायण मेला परिसर श्रृंगवेरपुर में 'पाण्डुलिपियों में रामकथा का चित्रण' विषयक दुर्लभ चित्र प्रदर्शनी का शुभारंम सोमवार 15 नवम्बर को मुख्य अतिथि पश्चिम बंगाल पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी द्वारा किया गया. इसका शुभारंभ वैकुण्ठ धाम प्रयागराज के पीठाधीश्वर श्री रामानुजाचार्य श्रीधराचार्य महाराज की उपस्थिति में हुआ.
भाजपा के वरिष्ठ नेता व पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने कहा- धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण एवं आमजन के जागरूक करने की दिशा में यह बहुत ही सराहनीय कार्य है. उन्होंने विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यो की सराहना की. दरअसल, 32वां राष्ट्रीय रामायण मेला 5 दिनों तक चलेगा. इसमें अलग-अलग दिन धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इस मेले में इस बार पाण्डुलिपियों में राम कथा का चित्रण करती हुई दुर्लभ चित्र प्रदर्शनी भी लगाई गई है, जो कि मेले का मुख्य आकर्षण है. मेले में भगवान राम और निषाद राज गुह की मित्रता को लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा, ताकि राष्ट्रीय रामायण मेले से समाज में सामाजिक समरसता का भी संदेश दिया जा सके.