प्रयागराज : माघ मेले में भूखे लोगों को भरपेट भोजन करवाने का बीड़ा ओम नमः शिवाय नाम की संस्था ने उठाया है. इस संस्था से जुड़े लोग मेला क्षेत्र में पहुंचे श्रद्धालुओं को भंडारे में प्रसाद रूपी भोजन लेने के लिए आमंत्रित करते रहते हैं. मेला क्षेत्र में कई स्थानों पर चलने वाले भंडारे में रोजाना हजारों श्रद्धालु भोजन करते हैं. लाखों लोगों का भोजन को बनाने के लिए इस भंडारे की रसोई कोमेला क्षेत्र की अखंड रसोई कहा जाने लगा है. क्योंकि इस रसोई में दिन-रात चूल्हा जलता ही रहता है. संस्था प्रमुख ओम नमः शिवाय प्रभु जी का कहना है कि भूखे लोगों को भोजन कराके मानव सेवा करने के साथ मातृ शक्ति को बढ़ावा देना ही उनका उद्देश्य है.
अखंड रसोई में दिन-रात बड़े-बड़े चूल्हों पर कुछ न कुछ बनता ही रहता है. दिनभर जहां श्रद्धालुओं के लिए दाल, चावल, कढ़ी, पूड़ी, सब्जी, हलवा बनता है तो वहीं रात के समय अगले दिन की तैयारी के लिए आलू, मटर, चना को उबालने का काम किया जाता है.
नर सेवा ही नारायण सेवा
ओम नमः शिवाय नाम की संस्था की शुरुआत करने वाले बाबा का कहना है कि वह मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को भरपेट खाना खिलाने को ही सच्ची मानव सेवा मानते हैं. उनका मानना है कि नर सेवा ही नारायण सेवा है. इसलिए भूखे लोगों को भोजन कराना ही सबसे बड़ा पुण्य का काम है. इसी कारण से वह प्रयागराज में लगने वाले माघ मेला के साथ ही कुंभ मेले में भी इसी तरह भंडारे का आयोजन करते चले आ रहे हैं. इस बार के माघ मेला क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर उनकी संस्था की तरफ से भंडारा चलाया जा रहा है, जहां पर प्रतिदिन मेला क्षेत्र में आने-वाले श्रद्धालुओं को बुला बुलाकर भोजन करवाया जाता है.
बाबा की मानें तो उनकी संस्था के द्वारा मेला क्षेत्र में प्रतिदिन एक लाख से ज्यादा लोगों को भोजन कराया जाता है और मुख्य स्नान पर्व पर यह संख्या कई लाख में हो जाती है. ओम नमः शिवाय बाबा यह भी कहते हैं कि मेला क्षेत्र में आने वाला कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए, इसलिए मेला क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर उनकी संस्था के वालंटियर लोगों को भंडारे का प्रसाद लेने के लिए आमंत्रित करते रहते हैं. संस्था के सेवादार श्रद्धालुओं को बताते हैं कि मेला क्षेत्र में किन-किन स्थानों पर ओम नमः शिवाय का भंडारा चल रहा है, जिससे कि लोग वहां पर जाकर भरपेट भोजन कर सकें.